क्राइमजयपुर

डोर-टू-डोर सफाई कंपनी (Door-to-door cleaning company) बीवीजी (BVG) पर फिर गिरी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की गाज, आरएसएलडीसी प्रकरण में कंपनी एजीएम (company AGM) 12 लाख रुपए की घूस (bribe) देने के आरोप में गिरफ्तार

नगर निगम जयपुर ग्रेटर और जयपुर हैरिटेज में अनुबंध की धज्जियां उड़ाकर काम कर रही डोर-टू-डोर सफाई कंपनी (Door-to-door cleaning company) बीवीजी (BVG) पर एक बार फिर एसीबी (ACB) की गाज गिरी है। मंगलवार को एसीबी ने कंपनी के जयपुर में सहायक प्रबंधक को 75 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, वहीं बुधवार को कंपनी के स्किल हैड यानी कंपनी के एजीएम (company AGM) को 12 लाख रुपए की घूस (bribe) देने के आरोप में पुणे से गिरफ्तार किया गया है।

ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी की स्पेशल यूनिट द्वितीय ने आरएसएलडीसी प्रकरण में बीवीजी कंपनी के एजीएम व स्किल हैड देवेश चौहान को आरएसएलडीसी जयपुर में पदस्थापित अधिकारियों को दलाल अमित शर्मा के जरिए 12 लाख रुपए की रिश्वत राशि देने के आरोप में पुणे से गिरफ्तार किया है।

सोनी ने बताया कि इस प्रकरण में आरएसएलडीसी जयपुर व बीवीजी कंपनी के उच्चाधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। आरोपी देवेश चौहान को न्यायालय में पेश कर रिमांड प्राप्त किया जाएगा। ब्यूरो की स्पेशल यूनिट द्वारा 11 सितंबर को आरएसएलडीसी में ट्रेप की कार्रवाई आयोजित कर स्कीम कोऑर्डिनेटर अशोक सांगवान और सहायक आचार्य व प्रबंधक राहुल कुमार गर्ग को परिवादी से 5 लाख रुपए की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इसी मामले की जांच के दौरान यह गिरफ्तारी की गई है।

उल्लेखनीय है कि बीवीजी कंपनी का सहायक प्रबंधक राहुल मंगवाल को ही एसीबी के हत्थे चढ़ा था। एसीबी ने सहायक प्रबंधक राहुल बोडके को परिवादी से 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कुछ महीनों पूर्व नगर निगम ग्रेटर की महापौर के पति को रिश्वत की पेशकश के आरोप में भी एसीबी ने बीवीजी कंपनी पर कार्रवाई की थी और महापौर पति के साथ-साथ कंपनी के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया था।

जयपुर की निरीह जनता को कब मिलेगा इस कंपनी से छुटकारा?
बीवीजी कंपनी के खिलाफ लगातार हो रही एसीबी की कार्रवाई के बाद अब सवाल खड़े होने लगे हैं कि जयपुर की निरीह जनता को इस भ्रष्ट कंपनी से कब निजात मिलेगी। पिछले चार वर्षों से यह कंपनी जयपुर में अनुबंध को ताक में रखकर निगम अधिकारियों और जनप्रतिनििधयों से मिलीभगत करके काम कर रही है। कंपनी के भ्रष्ट कारनामों की पुलिंदा काफी मोटा है, इसके बावजूद कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जो साबित कर रहा है कि कंपनी भ्रष्टाचार कर दोनों निगमों में काम कर रही है। बिना काम के कंपनी को भुगतान किया जा रहा है, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है, इसके बावजूद सरकार इस कंपनी को बाहर का रास्ता नहीं दिखा रही है।

दीपावली पर पूरा शहर सड़ रहा, सरकार ले संज्ञान
बीवीजी कंपनी के भ्रष्टाचार को लेकर एसीबी में परिवाद दर्ज कराने वाले पूर्व पार्षद अनिल शर्मा का कहना है कि बीवीजी भ्रष्टाचार के दम पर ही पिछले चार सालों से जयपुर में टिकी हुई है। कंपनी को डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए लगाया गया था, लेकिन कंपनी वही काम नहीं कर रही है। पूरे शहर में गली-गली में कचरा डिपो बन चुके हैं। दीपावली पर भी कंपनी की ओर से कचरा नहीं उठवाया जा रहा है, जिससे शहर सड़ रहा है। निगम ग्रेटर में सरकार की ओर से मनोनीत महापौर हैं और हेरिटेज का बोर्ड कांग्रेस का ही है। ऐसे में सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। सरकार को कंपनी का काम बंद कराकर निगम स्तर पर शहर की सफाई व्यवस्था लागू करनी चाहिए, तभी राजधानी की जनता का भला होगा।

Related posts

नेशनल मींस कम मेरिट परीक्षा-2023 : सीकर के शुभम अग्रवाल ने प्राप्त किया राजस्थान में पहला स्थान, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने जारी किया परिणाम

Clearnews

जयपुर कलक्टर ने 18 पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे

admin

साल का पहला सूर्यग्रहण आज, भारत में नहीं लगेगा सूतक

Clearnews