जयपुर। दीपावली के कुछ पहले से ही उत्तर भारत में मौसम कुछ सर्द हो चला था कि गोवर्धन पूजा वाले दिन शाम को जमकर बारिश हुई। जयपुर और आसपास के इलाकों में तो ओलावृष्टि भी हुई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के आसपास बादलों की गरज रहे हैं और संभावना है कि वे देर-सबेर कभी भी बरस सकते हैं। मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक एलएस राठौड़ का कहना है कि यह ला नीनो के प्रभाव के कारण देखने को मिल रहा है। इससे प्रदूषण को कम करने में ही नहीं बल्कि खेती के लिए भी लाभ मिलने वाला है। यही नहीं इसका परोक्ष लाभ कोविड-19 के प्रभाव को कम में भी मिलने वाला है।
प्रदूषण में आएगी कमी
राठौड़ का कहना है कि ला नीनो के कारण उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम मानसून देर तक सक्रिय रहता है इसमें एशियाई क्षेत्र में तामपान सामान्य से अधिक ठंडा रहता है। उत्तर भारत मे इसी कारण बारिश और ठंड भी अधिक रहती है। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिलेगा। चूंकि दिल्ली और जयपुर के मध्य मौसम का ऐसा परिसंचार बना है तो इसका लाभ इन दिनों होने वाले प्रदूषण को कम करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि यह दीपावली आमजन के लिए वरदान साबित हो रही है। एक ओर तो पटाखों पर पाबंदी के चलते प्रदूषण अपेक्षाकृत कम रहा लेकिन जहां-जहां पाबंदी को तोड़ते हुए प्रदूषण फैलाया गया, वहां भी इस मौके पर हुई बारिश के कारण इस प्रदूषण को कम करने में सहायता मिल रही है।
खेती को लाभ
मौसम सर्द होने के साथ ही कोविड-19 संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार और सक्रिय होने की आशंका है। इन दिनों अपने आसपास ही बहुतों के कोविड पॉजिटिव होने की खबरे मिल रही हैं। राठौड़ का कहना है, ऐसा इसलिए है क्यों कि मौसम सर्द होने के साथ जीवाणु हवा के जरिए भी फैलने लगते हैं। लेकिन, दीपोत्सव महापर्व के दौरान हुई बारिश के कारण ये जीवाणु फैलने पर रोक लग सकेगी। इसी तरह रबी के मौसम में बहुत सी फसलों को समय से पानी भी मिल गया है। इसका लाभ तो मिलने ही वाला है।