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गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफीः पहला टेस्ट मैच पहला दिन भारत 233/6 ही बना सका, दूसरे दिन होगी 300 पार जाने की जद्दोजहद

क्रिकेट में टेस्ट मैचों की शृंखला की बात करें तो पहला मैच बेहद महत्वपूर्ण होता है और उसमें भी मैच के पहले दिन किसी भी टीम का प्रदर्शन तो मैच को दिशा देने में सहायक होता है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच गुलाबी गेंद से खेले जाना वाला यह दिन-रात का टेस्ट मैच गुरुवार 17 दिसम्बर को शुरू हुआ, जो गावस्कर -बॉर्डर ट्रॉफी टेस्ट श्रृंखला के पहले मैच का पहला दिन था। इस मैच में टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी को चुना और पहले दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट के नुकसान पर 233 रन बना लिये हैं। कह सकते हैं कि खेल का पहला दिन दोनों टीमों को लिए कुछ खुशी तो कुछ गम वाला यानी मिलाजुला रहा।

भारतीय ओपनर हुए रन जोड़ने में हुए फेल

भारतीय टीम की कल ही घोषणा कर दी गई थी। मयंक अग्रवाल के साथ ओपनर बल्लेबाज की जिम्मेदारी पृथ्वी शॉ और पर रहेगी, यह पहले ही स्पष्ट हो गया था। इससे शॉ को आत्मविश्वास तो मिला होगा पर उनके फॉर्म का हाल बेहाल ही रहा। मिशेल स्टार्क ने अपनी दूसरी ही गेंद पर ही शॉ (0) की गिल्लियां बिखेरकर भारतीय कप्तान के टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने के निर्णय को गलत साबित करने का प्रयास किया। फिर, मयंक और पुजारा डटकर तो खेले पर वे रन नहीं जोड़ पाने में विफल हो रहे थे। ड्रिंक्स के बाद पहली ही गेंद पर कमिन्स ने मयंक (17) को चलता कर दिया।

रहाणे की गलती से कोहली रन आउट

मयंक के आउट होने के बाद रनों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने उठाई और दोनों ने 69 रनों की साझेदारी की। पुजारा को नाथन लायन की गेंदबाजी को खेलने में परेशानी हो रही थी और उन्हीं ने आखिर पुजारा (43) को लाबुचाने के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद उपकप्तान अजिंक्या रहाणे और कोहली की जोड़ी ने 88 रन जोडे़ और रन बनाने की गति मे भी सुधार किया। भारत मजबूत स्थिति में दिन खत्म करने के दिशा में बढ़ ही रहा था कि रहाणे की गलती से कोहली (74) रन आउट हो गये।

ये झटका दोहरा था क्यों की नई गेंद बस कुछ ही ओवर के बाद उपलब्ध हो गई। इसका फायदा उठाते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजो ने गुलाबी गेंद का बखूबी इस्तेमाल करते हुए दुधिया रोशनी मे गेंद को स्विंग कराते हुए रहाणे (42) एवं विहारी (16) को चलता किया।

अश्विन और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा ने संभाला मोर्चा

भारत के मुख्य स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (15) और विकेट कीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा (9) खेल के समाप्त होने तक क्रीज पर थे। खेल के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया बढ़त लेने के लिए चाहेगा कि भारतीय टीम को 250 से 275 रनों के बीच ही समेट दे और भारत चाहेगा अश्विन व साहा मिलकर स्कोर को कम से कम 300 के पार ले जाएं। इस लिहाज से देखें तो मैच के दूसरे दिन का पहला घंटा सर्वाधिक महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।

विकेट बचाते हुए बोर्ड पर 300 से ज्यादा रंग टांगने का सारा दारोमदार अश्विन और साहा पर होगा क्योंकि शेष बचे बल्लेबाज जस्प्रीत बूमरा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव बल्लेबाजी में किसी कमाल की उम्मीद करना फिलहाल बेमानी है।

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