अवैध मदरसा और नमाज स्थल हटाने को लेकर उत्तराखण्ड के हल्द्वानी में कल हिंसा की घटनाएं हुई था। वहां उपद्रवियों ने पुलिस थाना जला डाला था। इस हिंसा में 100 से ज्यादा प्रशासन के लोग और पत्रकार घायल हुए। इस हिंसा की आंच आज शुक्रवार को बरेली तक पहुंच गयी। बरेली में मौलाना तौकीर रजा की अगुवाई में भीड़ ने दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की। सड़क पर खड़े वाहनों पर पथराव किया गया। सेकिन प्रशासन ने समय रहते हिंसा पर काबू पा लिया।
उल्लेखनीय है है कि उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने आज, 9 फरवरी को जुमे की नमाज के बाद तकरीर की। इस तकरीर में उन्होंने भड़काऊ बयान दिये, जिनके बाद बरेली में स्थिति तनावपूर्ण हो गयी। मौलाना ने तकरीर देते हुए पीएम मोदी, सीएम योगी, धामी और सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध उकसाने वाली बातें कहीं। मौलाना ने कहा, अब मुसलमान किसी बुल्डोजर एक्शन को सहन नहीं करेंगे। तौकीर रजा ने तो सीधे-सीधे धमकी दे डाली , ‘अगर कोई हम पर हमला करेगा तो हम उसे जान से मार देंगे। यह हमें कानूनी अधिकार है।’ बरेली में मौलाना रजा के इस तरह के भड़काऊ बयानों के बाद बरेली में हिंसा का तांडव शुरू हो गया। भड़काऊ नारेबाजी का विरोध किया गया तो उग्र भीड़ ने बाजार में पत्थरबाजी शुरू कर दी , जिसमें कई दुकानदारों के घायल होने के समाचार हैं।
मौलाना तौकीर रजा ने तो यहां तक कहा, ‘बजरंग दल- शिवसेना हमारे देश को बर्बाद कर देना चाहते हैं। उनकी बेईमानी के खिलाफ हम रुकने वाले नहीं हैं। हमने यह आंदोलन बरेली से शुरू किया है और इस आंदोलन को इंशाल्लाह देश भर में चलाएंगे।’ मौलाना तौकीर रजा ने हल्द्वानी में हुई हिंसा का इल्जाम भी पुलिस- प्रशासन पर जड़ते हुए कहा कि मदरसे- मस्जिद में कोई अपराध नहीं किया गया। ऐसे में मामला कोर्ट में जाना चाहिए था लेकिन इसके बजाय उन्हें तोड़ दिया गया। ऐसा करके कोर्ट के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. सरकार के दबाव में पुलिस बेईमानी करके यह काम कर रही है।