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हल्द्वानी में अवैध मदरसा गिराने पर दंगा, उपद्वियों ने गुस्से में थाना फूंका..पुलिस, प्रशासनकर्मी और पत्रकारों सहित 100 से ज्यादा घायल

उत्तराखण्ड में अवैध निर्माण पर इन दिनों बुलडोजर चलाया जा रहा है। इसके अलावा राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल भी पास कर दिया गया है। एक ओर इस बिल का विरोध चल ही रहा था और दूसरी यहां के हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में गुरुवार, 8 फरवरी को अवैध मदरसा और नमाज स्थल को तोड़ने की कार्रवाई की गई। इसके लिए जैसे ही नगर निगम की टीम जेसीबी लेकर नमाज वाली जगह को तोड़ने पहुंची तो नगर निगम की टीम पर मुस्लिम समुदाय के लोगों की ओर से हमला कर दिया गया। उपद्रवियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा पत्रकारों और पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की, जिसमें अब तक SDM, SP, 10 पुलिसकर्मी और कुछ पत्रकार समेत 100 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हो गये।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने का घेराव कर वहां पत्थरबाजी की और थाने में आग लगाई। इसके अलावा कई गाड़ियों और ट्रांसफॉर्मर को फूंक दिया। ट्रांसफॉर्मर जलने से पूरे इलाके में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है।
शहर में बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस की ओर से हवाई फायरिंग की गई। वहीं कई अन्य थानों से भी पुलिस फोर्स बुलाई गई। बता दें कि नगर निगम की टीम पुलिस बल के साथ मदरसे और नमाज स्थल को तोड़ने पहुंची ही थी कि वहां पर मौजूद एक समुदाय की महिलाएं और युवक विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान देखते ही देखते उपद्रवियों ने प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीम पर भारी पथराव शुरू कर दिया।
स्थितियां बेकाबू होती देख कर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, SDM परितोष वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने लोगों को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन मुस्लिम समुदाय की ओर से पथराव बिल्कुल भी नहीं रुका। ऐसे में पथराव रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले चलाने पड़े। उल्लेखनीय है कि जिस जमीन पर मदरसा और नमाज स्थल बनाई गई है वह जमीन अवैध है।
शहर के बिगड़े हालात को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ इमरजेंसी मीटिंग की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके अलावा उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा शासन के निर्देश पर दंगा करने वालों को देखते ही गोली मरने के आदेश भी जारी किए गए हैं।

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