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हमास ने इजरायल में मचाया कोहराम, 300 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों घायल, क्यों फेल हुई मोसाद..?

इजरायल पर हमास के हमले के बाद इजरायली खुफिया एजेंसियों की आलोचना हो रही है। आरोप लग रहे हैं कि इजरायली एजेंसियों ने अपना काम ठीक से नहीं किया। सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर उन्हें हमास के इतने बड़े हमले की भनक कैसे नहीं लगी। हमास का दावा है कि उसने 5000 रॉकेट इजरायल में दागे हैं।
इजरायल में हमास के हमले ने दुनिया को चौंका दिया है। किसी को अंदाजा नहीं था कि इजरायल पर इतना बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। इजरायली अधिकारी भी यही प्रतिक्रिया दे रहे हैं कि उन्हें कोई अंदाजा नहीं है कि ऐसा कैसे हुआ। इजरायली खुफिया एजेंसी को भी इस हमले की भनक नहीं लगी। जबकि, मोसाद, सिन बेट और मिलिट्री इंटेलीजेंस डायरेक्ट्रेट को दुनिया में सबसे ज्यादा शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है। इसके बावजूद दर्जनों हथियारबंद हमास आतंकवादी गाजा पट्टी से इजरायल सीमा पार कर अंदर घुसे और नागरिक इलाकों में कोहराम मचा दिया। इससे पहले उन्होंने इजरायल को 5000 रॉकेट दागकर अलग मोर्चे पर उलझा दिया। इस हमले में अब तक 300 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत हो चुकी है। इस बीच इजरायली सेना ने बताया है कि अब भी 22 जगहों पर आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ जारी है।
इजरायली खुफिया एजेंसियां दुनिया में सबसे ज्यादा ताकतवर
शिन बेट, इजरायली घरेलू खुफिया सर्विस, मोसाद और इजरायली सेना के रहते यह आश्चर्यजनक है कि किसी ने भी ऐसा होते हुए नहीं देखा। या अगर उन्होंने इसे देखा भी तो वे कार्रवाई करने में विफल रहे। इजरायल के पास यकीनन मध्य पूर्व में सबसे व्यापक और ताकतवर इंटेलिजेंस एजेंसियां हैं। इन एजेंसियों के फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के साथ-साथ लेबनान, सीरिया और अन्य जगहों पर भी मुखबिर और एजेंट हैं। इजरायली खुफिया एजेंसियों ने पहले भी आतंकवादी संगठनों की सभी गतिविधियों की जानकारी रखते हुए उनके नेताओं की सटीक समय पर हत्याएं की हैं।
इजरायली सीमा भी काफी हाईटेक
इजरायली खुफिया एजेंसियों ने अपने दुश्मनों को मारने के लिए कभी ड्रोन हमलों तो कभी मोबाइल फोन से फटने वाले बम का इस्तेमाल किया है। अक्सर इजरायली एजेंट अपने दुश्मनों की कार पर जीपीएस ट्रैकर लगा देते हैं और उन्हें इजरायली मिसाइलें इतना सटीक निशाना बनाती हैं कि बचना नामुमकिन होता है। जमीन पर गाजा और इजरायल की तनावपूर्ण सीमा पर बाड़ के पास कैमरे, ग्राउंड मोशन सेंसर और नियमित गश्त करने वाली सैन्य टुकड़ियां तैनात होती हैं। माना जाता है कि कंटीली तारों वाली बाड़ एक स्मार्ट बैरियर का काम करती हैं, जो ठीक उसी तरह की घुसपैठ को रोकती है, जैसा इस हमले में हुआ है।
हमास ने इतने बड़े हमले को कैसे दिया अंजाम
इसके बावजूद हमास के आतंकवादियों ने इनके बीच से अपना रास्ता बना लिया। उन्होंने तारों को काटकर होल बनाया। कुछ ने समुद्र का रास्ता चुना तो कुछ ने पैराग्लाइडर के जरिए इजरायल में प्रवेश किया। इजरायली नागरिकों की नाक के नीचे हजारों रॉकेटों को इकट्ठा करना, उन्हें फायरिंग से जुड़े समन्वित, जटिल हमले की तैयारी और कार्यान्वयन के लिए हमास को असाधारण स्तर की परिचालन सुरक्षा की आवश्यकता होगी। आश्चर्य की बात नहीं है कि इजरायल में सेना और नेताओं से सवाल पूछा जा रहा है कि यह सब कैसे हो सकता है, वो भी इजरायल के दुश्मनों के किए गए एक और हमले की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर।
इजरायल के पास कई मोर्चों पर चुनौतियां
माना जा रहा है कि इजरायल की यह जांच वर्षों तक चलेगी, लेकिन वर्तमान में उसके सामने अलग प्राथमिकताएं हैं, जो ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इजरायल को अपनी दक्षिणी सीमा पर घुसपैठ को और अधिक नियंत्रित करने की जरूरत है। उन्हें अंदर घुस चुके हमास आतंकवादियों को भी खदेड़ना होगा। इसके साथ ही इजरायली नागरिकों के मुद्दों को हल करने की जरूरत होगी, जिन्हें या तो सशस्त्र बचाव अभियान के माध्यम से या बातचीत के माध्यम से दुश्मन के कैद से छुड़ाना होगा।

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