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संकट की घड़ी में राजनीति से परे एकजुटता की मिसाल पेश करे पूरा मुल्क, संसाधनों का हो न्यायसंगत आवंटन- गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। तमाम प्रयासों के बावजूद राज्यों से संसाधनों की कमी की शिकायतें आ रही हैं। संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे पूरा मुल्क एकजुटता की मिसाल पेश करे। कोविड के बेहतर प्रबंधन में केंद्र सरकार जीवन रक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ऑक्सीजन, दवाओं एवं अन्य संसाधनों की योजनाबद्ध एवं न्यायसंगत आपूर्ति सुनिश्चित करे।

गहलोत शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक में विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड की वर्तमान परिस्थितियों में कई हृदयविदारक दृश्य देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में आमजन का आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे प्रयास किए जाएं कि ऑक्सीजन एवं दवाओं की कमी से किसी की जान न जाए।

सभी राज्यों को एक्टिव केसेज के आधार पर ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर दवा का आवंटन किया जाना चाहिए। राजस्थान को 21 अप्रेल, 2021 को तात्कालिक आवंटन में मात्र 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए, जबकि गुजरात एवं मध्यप्रदेश को कम एक्टिव केसेज होने के बावजूद 1 लाख 63 हजार तथा 92 हजार 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए। ऑक्सीजन के आवंटन में भी एक्टिव केसेज के अनुपात का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में इनकी आपूति तर्कसंगत तरीके से हो ताकि किसी भी राज्य को कोविड रोगियों के उपचार को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

गहलोत ने कहा कि कोविड रोगियों के उपचार के दौरान की जाने वाली सहायक जांचें यथा आईएल-6, डी-डाइमर, फेरिटिन टेस्ट आदि की किट की भी धीरे-धीरे कमी होने लगी है। केंद्र सरकार इन किट्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में भी योजना बनाए, ताकि समय रहते राज्यों को इनकी सुचारू आपूर्ति हो सके।

वैज्ञानिकों ने बहुत कम समय में कोरोना की वैक्सीन तैयार कर मिसाल पेश की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 18 वर्ष से अधिक के लोगों का भी केंद्र सरकार नि:शुल्क टीकाकरण कराए। केंद्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष एवं अब 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए एक नीति अपनानी चाहिये।

भारत सरकार ने मुफ्त वैक्सीन के लिए बजट में 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, इसे देखते हुए राज्यों ने बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा। अब अगर राज्यों को वैक्सीन का वित्तीय भार वहन करना पड़ता है तो उन्हें सामाजिक सुरक्षा तथा विकास कार्यों के लिए निर्धारित बजट में कटौती करनी पड़ेगी। एक ही देश में वैक्सीन की अलग-अलग दरें भी उचित नहीं हैं। केंद्र सरकार को इस पर विचार कर निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार के लिए उठाए गए कदमों पर बताया कि लॉकडाउन को आखिरी हथियार मानते हुए प्रदेश में नवाचार के रूप में जन अनुशासन पखवाड़ा लागू किया गया है। इसके तहत सामाजिक, सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित करने तथा लोगों को कोविड प्रोटोकॉल एवं लॉकडाउन जैसे व्यवहार की पालना के लिए निरंतर प्रेरित किया जा रहा है।

प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की छीजत रोकने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। इससे करीब 10 प्रतिशत छीजत कम करने में मदद मिली है। अस्पतालों पर दबाव कम करने के लिए कोविड रोगियों को होम केयर तथा डे-केयर सुविधा दी जा रही है। प्रदेश भर में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। दवाओं के प्रोटोकॉल तथा उचित उपयोग के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी है। वीसी के माध्यम से डॉक्टर्स को दवाओं के उपयोग के संबंध में ट्रेनिंग दी जा रही है। सेवानिवृत्त कार्मिकों की अर्जेंट टेम्परेरी बेसिस पर सेवाएं ली जा रही हैं।

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