आर्थिकदिल्ली

भारत-रूस का कमाल: 2030 से पहले ही बनाया कारोबार का नया रिकॉर्ड

भारत और रूस ने साथ मिलकर नया कीर्तिमान गढ़ा है। यह कीर्तिमान सात दशकों के राजनयिक और आर्थिक सहयोग का प्रत्यक्ष उदाहरण है। भारत में रूसी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय खुलने के 70वीं वर्षगांठ पर मॉस्को ने बताया है कि दोनों देशों के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने बताया कि भारत-रूस व्यापार 50 बिलियन डॉलर के लक्ष्य के बेहद करीब पहुंच गया है। इस लक्ष्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2030 के लिए तय किया था। यह रिकॉर्ड तब बना है, जब रूस पर पश्चिमी देशों ने अनगिनत प्रतिबंध लगा रखे हैं और भारत और रूस भुगतान मुद्दे पर भी गतिरोध का सामना कर रहे हैं।
भारत-रूस व्यापार 50 बिलियन डॉलर के पास
रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि हम 2030 के लिए हमारे देशों के नेताओं द्वारा निर्धारित 50 बिलियन डॉलर के लक्ष्य के बेहद करीब पहुंच गए हैं। इस वर्ष के पहले 9 महीनों में व्यापार कारोबार बढ़कर 48.8 बिलियन डॉलर हो गया है, और यह और भी बढ़ेगा। उन्होंने भारत-रूस व्यापार में अभूतपूर्व गतिशीलता का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों के क्षेत्रों और प्रांतों के बीच आर्थिक आदान-प्रदान होने लगा है।
नई दिल्ली में रूस के व्यापार मिशन का इतिहास दिसंबर 1953 से जुड़ा है, जब यूएसएसआर और भारत की सरकारों के बीच पहले व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह मिशन दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों की क्षमता का लाभ उठाने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने में सहायक रहा है।
रूसी मंत्री ने भारत-रूस संबंधों की तारीफ की
रूसी उद्योग और व्यापार मंत्रालय के उप प्रमुख एलेक्सी ग्रुजदेव ने रूसी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत की आर्थिक और तकनीकी प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि दशकों पहले, सोवियत-विकसित (और बाद में रूसी) प्रौद्योगिकियों ने भारत की तकनीकी संप्रभुता की नींव रखने में मदद की थी।
उन्होंने कहा, आज दोनों देश कृषि, ऊर्जा, बैंकिंग, वित्त, सीमा शुल्क, परिवहन, रसद, शिक्षा और मानवीय क्षेत्रों में तेजी से काम कर रहे हैं। ग्रुजदेव ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय कंपनियां प्रतिबंधों के दबाव और पश्चिमी कंपनियों के हटने के बाद खुले रूसी बाजार में सफलतापूर्वक जगह तलाश रही हैं।
भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की बैठक जल्द
इस मौके पर कई अन्य वक्ताओं ने यह भी कहा कि दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर रूसी-भारत अंतर सरकारी आयोग (आईपीसी) की आगामी बैठक में सभी क्षेत्रों में आर्थिक संबंधों का विस्तार करने की योजना पर चर्चा करेंगे। यह बैठक आने वाले हफ्तों में प्रस्तावित है। इस बैठक की अध्यक्षता रूसी उप प्रधानमंत्री और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव और भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर के करने की उम्मीद है।
भारत का लगातार दौरा कर रहे रूसी राजनेता
डेनिस मंटुरोव और एस जयशंकर की आखिरी मुलाकात अप्रैल 2023 में नई दिल्ली में हुई थी। इस दौरान दोनों देश रूसी वित्तीय और अन्य क्षेत्रों पर लगाए गए अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों के मद्देनजर द्विपक्षीय व्यापार को प्रभावित करने वाले मुद्दों को हल करने के लिए राष्ट्रीय मुद्रा व्यापार तंत्र के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर सहमत हुए थे।
बैठक में जयशंकर ने मेक इन इंडिया इनिशिएटिव पर जोर डाला था। इसका उद्देश्य भारत को एक प्रमुख मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में बदलना है। उन्होंने इस इनिशिएटिव के तहत रूसी कंपनियों के साथ संयुक्त परियोजनाओं के अवसरों पर जोर दिया।

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