जयपुर

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत को मिले निर्णायक भूमिका

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कोविड के इस दौर में मानव मूल्यों पर ही खतरा नहीं मंडराया है बल्कि वैश्विक शासन व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़े हुए हैंं। उन्होंने संकट की इस घड़ी में संयुक्त राष्ट्र संघ को गंभीर आत्ममंथन किए जाने की आवश्यकता जताते हुए एक ऐसी नई बाध्यकारी एवं प्रभावशाली वैश्विक शासन व्यवस्था को अपनाए जाने पर जोर दिया है।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्गत वैश्विक शासन व्यवस्था में भारत को निर्णायक भूमिका दिए जाने की भी मांग की। उन्होंने विश्व सरकार, विश्व संसद और विश्व न्यायालयों की स्थापना के लिए भी कार्य किए जाने पर जोर दिया।

मिश्र शनिवार को राजभवन से विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21 वें ‘ग्लोबल गवर्नेंस : ए पोस्ट-कोविड इम्परेटिव’ ऑनलाईन सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कोविड-19 के इस दौर में विश्वभर के राष्ट्रों के साझा हितों पर समझ के साथ कार्य किए जाने पर भी आवश्यकता जताई।

उन्होंने कहा कि वैश्विक शासन व्यवस्था की बेहतरी का कार्य संयुक्त राष्ट्र संघ का होता है परन्तु इसमें सदस्य राष्ट्रों को भी एकमत होकर सभी देशों की आवश्यकता के अनुरूप तय रणनीति पर कार्य करना चाहिए। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सोच के साथ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा से यदि सभी विश्व एकमत होकर कार्य करें तो इसके मानवता की भलाई में बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं।

मिश्र ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार कोविड महामारी से विश्वभर में 10 लाख से अधिक मौतें हुई हैं और करोड़ो लोग संक्रमित हुए हैं। विश्व मानवता को इससे गहरा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कोविड से विश्वभर के देशों की चरमराई अर्थव्यवसथा, उद्योगों को हुए नुकसान और शिक्षा क्षेत्र में पैदा हुई समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा भारतीय संस्कृति और जीवन दर्शन को आदर्श मानते हुए भविष्य के लिए कार्य करने का भी आह्वान किया।

ऑनलाईन सम्मेलन में विश्व न्यायाधीश सम्मेलन के अध्यक्ष ताईवान के डॉ. हौंग ताओ तजे, सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील, मलावी के न्यायमूर्ति एंड्रयू के.सी. कोमोरोस के न्यायमूर्ति शेख सलीम, बेनिक के उस्मेन बटो, दक्षिण सूडान के चैन रेच मदुत, अफ्रीका के संवैधानिक न्यायालयों के सम्मेलन के स्थायी महासचिव सी.सी.जे.ए., मिश्र के सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय के न्यायमूर्ति डॉ. आडेल उमर शेरिफ, दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति क्गालेमा मोटलन्थे ने भी कोविड के इस दौर में वैश्विक शासन व्यवस्था से संबंधित विचार रखे। सम्मेलन में विश्व के 50 देशों के लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Related posts

9 आईपीएस (IPS) समेत 66 पुलिस अधिकारी (police officers) व कर्मचारियों (employees) को डीजीपी डिस्क (DGP disc)

admin

चौपाटियों (Chowpatty) पर उठी चाट (chaat) की महक (smell) , ‘जल-भुन’ गए जयपुर वाले (people of Jaipur)

admin

Rajasthan: कुल जल संग्रहण क्षमता का 59.71 फीसदी पानी आया, 114 बांध पूरे भरे, प्रदेश में 18 जुलाई तक औसत से 72 फीसदी अधिक वर्षा हुई

Clearnews