राजस्थान सरकार की मंशा है कि राज्य में कोई भी भूखा नहीं सोये और इसके लिए विशेष अभियान भी चल रहा है। इस अभियान के तहत जरूरतमंद लोगों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। इस संदर्भ में शहरी विकास एवं आवास (UDH) मंत्री शांति धारीवाल ने इंदिरा रसोई संचालकों को चेतावनी दी कि रसोई में आने वाले लोगों को भोजन निशुल्क ही दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी रसोई संचालक ने इसके लिए राशि वसूली तो उस रसोई संचालक का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
स्वेच्छा से दे अंशदान तभी स्वीकार करें
इंदिरा रसोई के जरिये निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने को लेकर निर्देश जारी किये गये हैं। राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार इंदिरा रसोई में भी आने वाले किसी भी जरूरतमंद से ₹8 का लाभार्थी अंशदान लॉकडाउन की अवधि में नहीं लिया जाना है। यदि कोई स्वेच्छा से अपना अंशदान देना चाहे तो उसका अलग से रिकॉर्ड रख लें अन्यथा किसी से ₹8 का लाभार्थी अंशदान नहीं लिया जाए। अन्य जरूरतमंदों को भोजन पैकेट पूर्व में ही दानदाताओं एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा निशुल्क दिए जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इंदिरा रसोइयों में बैठकर खाना खाने वाले लाभार्थी के अंशदान का भुगतान किसी दानदाता एवं दानदाता उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किया जाएगा। इंदिरा रसोई में बैठकर खाना खाने वाले लाभार्थियों का विवरण पूर्व की भांति इंदिरा रसोई पोर्टल पर अंकित किया जाता रहेगा।
पारदर्शिता रखें
सरकार का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर सभी नगर परिषदों और नगर पालिकाओं मे स्थित इंदिरा रसोइयों में इस लॉकडाउन की अवधि में बैठा कर भोजन पूर्ण पारदर्शिता से वितरित हो व एवं लाभार्थियों के विवरण अंकित में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो इसके लिए नगर परिषद व नगर पालिका अपने क्षेत्र में स्थित इंदिरा रसोई में एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाएं। क्षेत्रीय उपनिदेशक (क्षेत्रीय) इस कार्य की निगरानी रखेंगे।