जयपुरमौसम

6 साल से सूखी नदी फिर से बहने लगी, खुशी मना रहे लोग

बांध पर पहले ही कई दिनों से चादर चल रही है। वर्तमान में बांध पूरी तरह से डूब चुका है और बांध से छह इंच ऊपर तक चादर चल रही है।

राजधानी जयपुर में इतना पानी बरस रहा है कि 26 साल के बाद सूखी नदी में पानी आया है। कानोता क्षेत्र से होकर गुजरने वाली ढूंढ कई सालों से सूखी थी। नदी के बहाव क्षेत्र में कई जगहों पर अतिक्रमण तक हो गया था। लेकिन अब वहां पानी आ रहा है और पानी की आवक लगातार जारी है। मंगलवार शाम के बाद से पानी निरंतर बढ़ रहा है और कानोता बांध तक पहुंच रहा है। बांध पर पहले ही कई दिनों से चादर चल रही है। वर्तमान में बांध पूरी तरह से डूब चुका है और बांध से छइ इंच उपर तक चादर चल रही है।
ढूंढ नदी आगरा नेशनल हाइवे से होकर गुजरती है। नदी का अंत कानोता बांध पर जाकर होता है। कानोता थाने से पहले कानोता पुलिया बनी हुई है जो कि नदी के उपर बनी हुई है। पुलिया के नजदीक ही मोक्षधाम भी है और मोक्षधाम के नजदीक ही कुछ कच्चे अतिक्रमण भी किए गए हैं। सूखी होने के कारण इसी नदी के एक हिस्से में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना भी चल रही है।
इस ट्रीटमेंट प्लांट में पूरे आगरा रोड क्षेत्र का सीवरेज जाएगा और वहां से पानी ट्रीट होकर खेती एवं अन्य कामों में लिया जाएगा। नदी में पानी इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि उसे देखने के लिए पुलिया पर ही वाहन चालक गाड़ियां रोक रहे हैं। हालात अब ये हो गए हैं कि पुलिस को तैनात किया गया है। नदी में पानी आने से बहाव क्षेत्र में मजदूर परिवारों की झोपड़ियां जलमग्न हो गई। नदी क्षेत्र में बने तीन कुओं के जलमग्न होने से कानोता में पीएचईडी द्वारा की जाने वाली पेयजल सप्लाई ठप हो गई है। नदी में पानी की आवक होने से कुएं व स्टार्टर डूब गए है। नदी के आसपास लोगों की लापरवाही के चलते हादसा होने की संभावना है।
खुशी मना रहे स्थानीय लोग और किसान
स्थानीय निवासी पूरण मल सैनी ने कहा कि पचास सालों से भी ज्यादा समय से यहां रह रहे हैं। पच्चीस साल पहले जमीन में इतना पानी था कि आसानी से निकाला जा रहा था। लेकिन धीरे धीरे जल स्तर नीचे जाता गया और धरती को और ज्यादा खोदना शुरू कर दिया गया। अब हालात ये हो गए हैं कि सैंकड़ों फीट नीचे भी पानी नहीं बचा। कुएं और नलकूप सूख गए। लेकिन अब नदी में पानी बढ़ रहा है। ऐसी ही बारिश जारी रहती है तो जमीन में फिर से जल स्तर बढ़ने की उम्मीद है।
कानोता बांध पर एक नजर
– 24 वर्ष में 2 बार चली चादर
– 2023 में पहली और 2024 में दूसरी बार चली चादर
– 17 फीट बांध की भराव क्षमता
– 2.59 किलोमीटर बांध की लम्बाई
– 402 वर्ग किलोमीटर कैचमेट एरिया
– 6 इंच चल रही चादर
– 4 किलोमीटर बांध से कानोता ढूंढ़ नदी पुलिया तक की दूरी

Related posts

सांभर झील क्षेत्र (Sambhar lake area) में संदिग्ध गतिविधि (suspicious activity) पर वन विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज (Case filed )

admin

राजस्थान आवासन मंडल के 75 प्रोजेक्ट्स रेरा में पंजीकृत

admin

कटारिया (Kataria) के बयान पर प्रताप सिंह (Pratap Singh) ने कहा, ‘उनका’ मानसिक संतुलन (Mental Balance) बिगड़ चुका है

admin