वित्त समिति की बैठक में महापौर शील धाभाई ने सभी शाखाओं के अधिकारियों को दिए निर्देश
जयपुर में विकास कार्यों (Development Works) के लिए जयपुर नगर निगम (Jaipur Nagar Nigam) ग्रेटर (Greater) अब राजस्व (Revenue) बढ़ाने पर काम करेगा। महापौर शील धाभाई ने सभी शाखाओं के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सख्ती के साथ राजस्व बढ़ाने का काम करें। बिना राजस्व के विकास कार्य नहीं कराए जा सकते हैं। अधिकारी राजस्व बढ़ाने का काम करें, वहीं अगर विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ी तो वित्त शाखा बजट उपलब्ध कराएगी।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर और वित्त समिति की अध्यक्ष शील धाभाई की अध्यक्षता में सोमवार को वित्त समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें महापौर ने निगम की सभी शाखाओं को सख्त हिदायत दे दी है कि अब तक जो हुआ, सो हुआ, आगे कार्य में लापरवाही नहीं चलेगी। जनता की भलाई के लिए जहां खर्च करना पड़ेगा, खर्च किया जाएगा, लेकिन राजस्व अर्जन में भी ढिलाई नहीं छोड़ी जाएगी।
धाभाई ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से निगम के राजस्व को बढ़ाने पर चर्चा की गई। इस दौरान अन्य कई मामलों को भी चर्चा के बाद सुलझाया गया, क्योंकि निगम की सभी कार्रवाई वित्त पर ही आधारित है। सभी शाखाओं को निर्देशित किया गया है कि अब वह उनके कार्यों की नियमित रिव्यू करेंगी।
अधिकारियों को कहा गया है कि वह निगम का राजस्व बढ़ाने की ओर ध्यान लगाएं। राजस्व बढ़ाने के लिए यदि सख्ती करनी पड़ तो वह भी करे। राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि टैक्स, लाइसेंस फीस, लाइसेंस रिन्यू के जरिए राजस्व बढ़ाएं। शहर के होटलों, हॉस्टलों, पीजी, हॉस्पिटलों से लाइसेंस रेवेन्यु कलेक्शन को बढ़ाया जाए। फायर शाखा को निर्देशित किया गया है कि व्यावसायिक स्थलों की जांच की जाए और जहां भी फायर एनओसी नहीं मिले, वहां जुर्माना लगाया जाए, फायर एनओसी जारी कर रेवेन्यु जनरेट किया जाए।
धाभाई ने बताया कि उद्यान शाखा को कहा गया है कि वह उद्यानों के मेंटिनेंस पर ध्यान रखें। यदि इसके लिए अलग से फंड की जरूरत पड़ेगी, तो वित्त समिति उपलब्ध कराएगी। बैठक में गैराज वाहनों के भुगतान के लिए 2021-22 का बजट निर्धारित किया गया। गैराज से चेयरमैनों को मिलने वाले वाहनों की मियाद को भी एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया है। गैराज शाखा को कहा गया कि बारिश के मौसम में सड़कों के गड्ढों को भरने के लिए यदि अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत पड़े तो शाखा वह संसाधन उपलब्ध कराए, इसके लिए वित्त समिति अलग से फंड मुहैया करा देगी।
धाभाई ने बताया कि पिछले काफी समय से पार्षदों को नियमित समय पर भत्ते नहीं मिल पा रहे थे। अब बैठक में व्यवस्था की गई है कि सभी पार्षदों को 1 से 5 तारीख के बीच में भत्ते उपलब्ध करा दिए जाएं, क्योंकि पार्षद भी फील्ड में घूमते हैं और भत्ते नहीं मिलने से उन्हें परेशानी होती है।