जयपुर। बेरोजगारों (unemployed) को नौकरी का झांसा देकर ठगी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं लेकिन पढ़े-लिखे बेरोजगार सफलता के लिए शॉर्टकट चुनने के चलते इनके झांसे में आते ही रहते हैं। राजधानी के सिंधी कैंप थाना इलाके में बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी लगाने और फर्जी (fake) नौकरी के नियुक्ति पत्र (appointment letter) देने का झांसा देकर 1 करोड़ 3 लाख रुपए की ठगी (cheated) का नया मामला सामने आया है।
इस संबंध में झुंझुनू निवासी कायम सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में परिवादी की ओर से कहा गया है कि वर्ष 2019 में उसकी मुलाकात अजीत प्रताप सिंह नामक व्यक्ति से हुई, जिसने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर बेरोजगार युवकों की सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया। अजीत प्रताप ने इसके लिए दिल्ली सरकार में कई बड़े अधिकारियों व मंत्रियों से जान पहचान होने का झांसा दिया। अजीज ने परिवादी को सिंधी कैंप स्थित चंद्रगुप्त होटल के सामने मिलने के लिए बुलाया, जहां अजीत ने परिवादी की मुलाकात सोनम सिंह, राजेश और गजेंद्र सिंह नामक व्यक्ति से कराई।
इन सभी ने कुछ राजनेताओं व बड़ी हस्तियों के साथ अपनी फोटो परिवादी को दिखाकर उसे पूरी तरह से झांसे में ले लिया। इसके बाद विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर परिवादी, उसके परिचित और परिचितों के जानकारों से कुल 1 करोड़ 3 लाख रुपए झपट लिए। आरोपियों ने परिवादी के कुछ जानकारों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया।
इसके बाद पीडि़त ज्वाइनिंग करने के लिए दिल्ली पहुंचे तब उन्हें नियुक्ति पत्र के फर्जी होने व उनके साथ हुई ठगी का पता चला। ठगी का शिकार होने के बाद जब परिवादी ने आरोपियों से संपर्क कर राशि वापस लौटाने के लिए कहा तो आरोपियों ने कुछ महीने की मोहलत मांगी और कानूनी कार्रवाई नहीं करने का आग्रह करते हुए पूरी राशि लौटाने का आश्वासन दिया। कई महीने बीत जाने के बाद भी जब आरोपियों ने राशि वापस नहीं लौटाई तो परिवादी ने फिर से आरोपियों से संपर्क किया, तो आरोपियों ने राशि लौटाने से साफ इनकार कर दिया। तब जाकर ठगी का शिकार बने कायम सिंह ने सिंधी कैंप थाने में ठगी का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 406, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।