जयपुर। कोटा में बुधवार को हुए एक ह्रदयविदारक हादसे में चंबल नदी में नाव डूबने से 14 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शाम तक नदी से 11 लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। गोताखोरों के जरिए अन्य शवों की तलाश की जा रही है।
बुधवार सुबह कोटा जिले के खातौली के ढीबरी गांव के पास यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि नाव पर करीब 50 लोग सवार थे, जो नदी के दूसरी ओर बूंदी जिले के कमलेश्वर महादेव मंदिर के लिए जा रहे थे।
बताया जा रहा है नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे, साथ ही करीब 14 मोटरसाइकिलें भी नाव पर लदी थी। नदी में गहराई पर पहुंचते ही नाव डूबने लगी। नाव को डूबते देख उसमें सवार लोग तैर कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। इस दौरान आस-पास के ग्रामीणों ने भी नदी में कूदकर लोगों की जान बचानी शुरू कर दी। इसके बावजूद 14 लोग पानी में डूब गए।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस व प्रशासन भी मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। स्थानीय विधायक रामनारायण मीणा भी मौके पर पहुंचे। शाम तक रेस्क्यू टीम के गोताखोरों ने नदी से 11 शवों को बाहर निकाल लिया था।
राज्यपाल कलराज मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के साथ कई राजनेताओं ने संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने लापता लोगों को भी तलाशने के निर्देश प्रशासन को दिए।
उधर प्रशासन हादसे की जांच में जुट गया है। कहा जा रहा है कि नदी में पानी का बहाव तेज नहीं था, इसलिए हादसा नाव पर क्षमता से अधिक वजन लादने के कारण हुआ। लकड़ी से बनी अवैध नाव ज्यादा वजन को सहन नहीं कर पाई।
इस इलाके में अवैध नावों का संचालन बड़ी समस्या है और कई बार इनपर रोक लगाई गई, लेकिन इन नावों का संचालन फिर से शुरू हो जाता है। नावों पर जीप-ट्रेक्टर जैसे भारी वाहन भी लाद कर नदी के दूसरी ओर पहुंचाए जाते हैं। देर शाम प्रशासन ने इस मामले में जिम्मेदारों पर कार्रवाई करते हुए खातोली एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं पटवारी, ग्रामसेवक और ट्रांस्पोर्ट इंस्पेक्टर को एपीओ किया गया है।