सरेंडर के बाद धौलपुर पुलिस को सुपुर्द, डिस्कॉम के एईएन से मारपीट का मामला
जयपुर। धौलपुर के बाड़ी में डिस्कॉम एईएन हर्षदापति से मारपीट के मामले में कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा के बाद बुधवार को जयपुर में पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव के समक्ष सरेंडर कर दिया।
मलिंगा इससे पहले दोपहर करीब 12 बजे पंचायत राज राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने गए थे। जयपुर कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने सरेंडर करने के बाद पुलिस मलिंगा को लेकर धौलपुर के लिए रवाना हुई थी। शाम करीब सात बजे उन्हें धौलपुर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
मलिंगा ने मीडिया को बताया कि सीएम गहलोत के आदेश पर मैंने सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि डीजीपी ने मुझे फंसाया है। मुझे कानून पर पूरा भरोसा है। कानून इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगा।
मलिंगा ने कहा कि डीजीपी के कहने पर ही पुलिस ने गलत धाराएं मुझ पर लगाईं। डीजीपी सजा नहीं दे सकता। कोर्ट सजा सुनाएगा। क्या हाथ-पैर तोड़ने में ही धारा 307 लग जाती है। घायल एईएन अपने ही बयान से बार-बार पलट रहा है। मैं फरार नहीं हुआ। मैं अपने आवास पर ही रह रहा था।
मलिंगा ने कहा कि सीएम के पास मैं गया था। उन्होंने कानूनी कार्रवाई में मदद करने के लिए कहा था। जयपुर कमिश्नर ने बताया कि धौलपुर में जांच अधिकारी के सामने मलिंगा को पेश किया जाएगा। शाम सात बजे धौलपुर सदर थाने विधायक पहुंच गए थे। वहां सीआईडी सीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश जैफ मौजूद थे। थाने के बाहर विधायक के समर्थकों की भीड़ जुट गई है।
यह था विवाद 28 मार्च को धौलपुर के बाड़ी में गिर्राज सिंह मलिंगा अपने साथियों के साथ एक्सईएन कार्यालय गए थे। आरोप है कि एईएन के साथ मारपीट की थी। गंभीर घायल एईएन को जयपुर के SMS हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। एईएन ने मलिंगा सहित अन्य के खिलाफ धारा 307 जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने अन्य 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें मलिंगा की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
एईएन हर्षदापति कांग्रेस नेता कैप्टन मुकेश वाल्मीकि का बेटा है। मुकेश वाल्मीकि साल 2003 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। इस मामले में एईएन एमएल लाठर ने बाड़ी डीएसपी बाबूलाल मीणा और कोतवाल विजय कुमार मीणा को निलंबित कर दिया था।