जयपुर

मुख्यमंत्री गहलोत (CM Gehlot) ने आदिवासियों (Tribals) को दी 256 करोड़ की सौगातें (Gifts)

राजधानी जयपुर में विश्व आदिवासी दिवस पर सोमवार को राज्यस्तरीय वर्चुअल समारोह का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस समारोह में आदिवासी समुदाय को कई महत्वपूर्ण सौगातें दीं। उन्होंने करीब 89 करोड़ रुपये की लागत के 185 कार्यों का शिलान्यास किया, जबकि करीब 167 करोड़ लागत के 43 कार्यों का लोकार्पण किया। जिन 43 कार्यों का लोकार्पण किया गया है उनमें से 19 कार्य जनजाति विकास विभाग और शेष कार्य दूसरे विभागों द्वारा करवाए गए हैं।

समारोह में मुख्यमंत्री ने जनजाति भागीदारी योजना और सामुदायिक वनाधिकार विकास योजना शुरू की। वहीं, उदयपुर में हॉकी एकेडमी भी शुरू की गई। जनजाति छात्र-छात्राओं के लिए नई मूल्यांकन व्यवस्था की शुरुआत की गई। समारोह में उत्कृष्ट कार्यों के लिए शैक्षणिक संस्थाओं, मां-बाड़ी केन्द्रों, प्रगतिशील वन धन विकास केन्द्रों और राजकीय कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए कटिबद्व है। वे खुद आदिवासी क्षेत्र में घूमे है इस लिए उनको आदिवासी समुदाय की समस्याओं की जानकारी है। कांग्रेस सरकार में सबसे अधिक काम आदिवासी क्षेत्र के लोगो के लिए हुए है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि पीएम बनते ही राजीव गांधी ने आदिवासी क्षेत्र का दौरा किया था। गहलोत का कहना था कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से आदिवासियों के विकास के लिए काम करती आई है।

समारोह में कई मंत्री-विधायक भी शामिल हुए। मंत्री परसादीलाल मीणा ने मांग उठाई कि गुजरात पैटर्न पर आदिवासियों के बजट आवंटन होना चाहिए। उन्होंने टीएसपी एरिया में सभी नौकरियां टीएसपी क्षेत्र के लोगों को ही देने और कृषि बजट की तरह ट्राइबल एरिया के लिए भी अलग बजट के प्रावधान की भी मांग उठाई। वहीं जनजाति विकास मंत्री अर्जुन बामणिया ने कहा कि मुख्यमंत्री आदिवासी क्षेत्रों के विकास और आदिवासी बच्चों की शिक्षा के को लेकर संजीदा हैं।

गहलोत ने कहा कि आदिवासी आज भी प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और प्रकृति सुरक्षित रखे हुए हैं। शुरू से ही समाज और सरकार की नजर में इनका मान-सम्मान रहा है। इन्होंने प्राचीन सभ्यता को बचाने के साथ आजादी की जंग में भी हिस्सा लिया। सरकार आदिवासियों का पूरा ध्यान रख रही है और हम इनके लिए अच्छे फैसले करना चाहते हैं।

गहलोत ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाने में हमने कोई कमी नहीं रखी। अब समय आ गया है कि क्वॉलिटी ऑफ लाइफ बढ़े और गरीबी-अमीरी के बीच का अंतर खत्म हो। गहलोत ने इस अवसर पर आमागढ़ विवाद पर किरोड़ी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग जाति, धर्म, सम्प्रदाय के बीच फूट की कोशिश करते हैं। आमागढ़ मामले में इसी तरह की कोशिश हुई लेकिन विधायक रामकेश मीणा ने सही तरीके से उसे हैंडल किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी हैरिटेज से संबंधित जो भी ज्ञापन भेजे गए हैं उनका एग्जामिन करवाएंगे और जल्दी काम पूरे करवाएंगे।

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