जेल, पुलिस एवं एसओजी ने 50 दिन में जेलों की 2700 बार ली आकस्मिक तलाशी
जयपुर। राज्य की जेलों की व्यवस्था में नवाचारों के द्वारा सुधार की नई पहल की जा रही है ताकि जेलों की स्थिति को बेहतर बनाया जा सके और राज्य की जेल देश की लिए उदाहरण बन सके। इसी के तहत जेलों में मोबाइल एवं निषिद्ध वस्तुओं की रोकथाम के लिए ऑपरेशन फ्लश आउट अभियान चलाया जा रहा है। यह जानकारी महानिदेशक जेल राजीव दासोत ने दी।
दासोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जेलों में भ्रष्टाचार, मिलीभगत और अपराध प्रवृतियों के प्रति जीरो टॉलरेेंस नीति अपनाने के निर्देश दिए थे। इन्ही निदेर्शों के क्रम में 20 नवंबर से ऑपरेशन फ्लश आउट अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत जेल, पुलिस एवं एसओजी के द्वारा जेलों में 2700 बार आकस्मिक सघन तलाशी ली गई। दिन एवं रात में की गई तलाशी के दौरान 65 मोबाइल फोन, 18 चार्जर, 29 सिमकार्ड, 16 ईयरफोन और 8 डाटा केबल बरामद की गई। इन 46 मामलों में कारागार अधिनियम में पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई है।
दासोत ने कहा कि जेलों में निषिद्ध वस्तुओं के मिलने पर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया गया। अवाछंनीय वस्तुओं की तस्करी, सुविधाओं के नाम पर वसूली आदि अपराधिक वृतियों में लिप्त जेल कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसे कार्मिकों में 3 को बर्खास्त, 18 के निलंबन, 44 के खिलाफ 16 व 17 सीसीए की कार्रवाई व 20 कार्मिकों का शिकायतन स्थानान्तरण किया गया है। उन्होंने कहा कि 67 कर्मठ कर्मियों को अच्छे कार्य के लिए प्रशंसा पत्र दिया गया।
दासोत ने कहा कि बंदी आरामदायक जीवन जेल में नहीं बिताए, इसके लिए जेल मैनुअल का कड़ाई से पालना कराई जा रही है। इस दौरान काफी मात्रा में सामाग्री जब्त (खाद्य एवं अन्य) की गई है। उन्होंने कहा कि 33 हार्डकोर बंदियों को कम्फर्ट जोन से बाहर निकालकर अन्य जेलों में स्थानान्तरित किया गया है ताकि जेलों में आरामदायक जीवन एवं अपराधियों के गठजोड़ की संभावना को समाप्त किया जा सके। जेलों में सुधार की नई शुरूआत से पुलिस को भी मदद मिल रही है।