जयपुर। किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान में सभाएं कर रहे हैं। शुक्रवार को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में आयोजित किसान महापंचायत में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की खाट टूट गई। इस वाक्ये के साथ ही चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। राजनीतिक हलकों में इसे शकुन-अपशकुन से जोड़ कर देखा जाने लगा। कहीं कहा गया कि अब प्रदेश की राजनीति से पायलट का बोरिया बिस्तर गोल होने वाला है, तो कहीं कहा जाने लगा कि यह प्रदेश कांग्रेस में टूट का इशारा है।
जयपुर के ज्योतिषियों और वास्तुशास्त्रियों का भी यही मानना है कि बड़े काम में अचानक कोई घटना घटती है तो उसे अपशकुन की श्रेणी में रखते हैं। खाट का टूटना भी अपशकुन ही माना जाता है। ज्योतिषियों का कहना है कि खाट के सिराहने की लकड़ी टूटना मानसिक तनाव देता है। पैरों की तरफ की लकड़ी टूटना आर्थिक परेशानियां देता है और यदि खाट की ईस टूटती है तो वह नया मकान देती है।
कहां सभा हुई और किसकी सभा में अपशकुन हुआ, इसका गणित और फलित निकालने के बाद ही पता चल पाएगा कि किस पर क्या प्रभाव रहेगा। वैसे इस घटना के बाद कांग्रेस में कहा जा रहा है कि राहुल की सभा में पायलट को हाशिये पर धकेलने के कारण पार्टी में बिखराव तय है और इसका असर राजस्थान के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व पर भी पड़ेगा। हो सकता है कि पायलट कांग्रेस का मकान छोड़कर खुद का नया मकान बना लें।
वास्तुशास्त्री एसके मेहता का कहना है कि किसी भी चीज का टूटना शुभ नहीं होता है। व्यक्ति आसन पर बैठा हो और वह आसन अचानक टूट जाए तो बैठे हुए व्यक्ति को अचानक झटका लगता है। इससे डिप्रेशन बढ़ता है और यह अलगाव कराता है। इच्छा के अनुरूप व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है। कहा जा सकता है कि पायलट की सोच को झटका लग सकता है। वह जिस सोच के साथ इस कार्यक्रम में गए थे, वह सोच पूरी होने में बाधाएं आ सकती है।
इस लिए टूटी खाट
पुरानी राजस्थानी कहावत है कि ‘ईस छोड़ बैठ बीस’ इसका अर्थ है कि खाट की ईस पर नहीं बैठना चाहिए। खाट की ईस छोड़ कर बीच में यदि बीस लोग भी बैठ जाएं तो खाट नहीं टूटती है, लेकिन मंच पर लगी इस खाट की ईस पर चार लोग बैठे थे। जैसे ही पायलट ने आराम से बैठने के लिए अपने पांव ऊपर किए, तो ईस पर दबाव बढ़ा और वह टूट गई।
पूनिया ने कसा तंज
राहुल गांधी की सभा में खाट टूटने पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी तंज कसने से नहीं चूके। पूनिया ने खाट टूटने का मतलब फेल बताया और कहा कि आज राहुल गांधी जी ने मनोरंजन नहीं करके राजस्थान की जनता को निराश किया है। गांधी ने कृषि कानूनों पर बे सिर-पैर की बातें कही, चीन पर भ्रामक बातें बताई और प्रधानमंत्री पर मर्यादाहीन टिप्पणी की और उसके बाद कार्यक्रम में कांग्रेस की खाट टूट गई।