जयपुर। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के लिए एंटीजन आधारित रेपिड टेस्ट के बजाए आरटी-पीसीआर टेस्ट किट से ही जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को इसके लिए निर्देश दे दिए हैं।
गहलोत कोरोना संक्रमण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता की जिंदगी और मौत के सवाल पर सस्ते एंटीजन टेस्ट किट का इस्तेमाल नहीं करेगी, क्योंकि विशेषज्ञों ने इस किट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बड़े स्तर पर अपनाया जाए। इसके लिए इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन के रूप में जागरुकता अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने आम लोगों के बीच बन रही इस धारणा पर चिंता जाहिर की कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में कोई ढिलाई आ गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी सतर्कता और सख्ती बरतने के निर्देश दिए।
आने वाले दिनों में किसी गंभीर स्थिति का सामना करने से पहले ही हमें आम लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरुक करना होगा। हर संक्रमित व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। गहलोत ने प्रदेश में कोरोना मृत्युदर कम रहने पर संतोष जताया और कहा कि प्रदेश में मृत्युदर 1.53 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 प्रतिशत से काफी कम है।