जयपुर

राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने दी मुख्यमंत्री निवास (CM House) के बाहर आत्मदाह (Self- immolation) की धमकी

राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने यूनियन की मांगों को स्वीकार नहीं किये जाने की स्थिति में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास के आगे आत्मदाह की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि एंबुलेंस कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है और ऐसी स्थिति बन रही है कि उनका शोषण शायद नहीं रुके। इन हालात में वे (शेखावत) मंगलवार, 15 जून को सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री निवास के बाहर आत्मदाह करेंगे।

शेखावत ने बताया कि वे 108 और 104 नंबर एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगों को लेकर पिछले 2 वर्षों से संघर्ष कर रहे है लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की कोई नही सुनने वाला है। एम्बुलेंस कर्मचारियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार से लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय तक गुहार लगाई लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की समस्याओं का कोई भी समाधान नही करना चाहता है। पिछले 13 वर्षों से जिन भी कंपनी ने इसका संचालन किया है, उन सभी ने एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण ही किया है। अब एंबुलेंस संचालन के लिए जो नई निविदा आई है, उसकी अंतिम तारीख 15 जून है और यदि पुरानी शर्तो पर यह टेंडर किसी भी कंपनी को हो जाता है तो फिर आने वाले 5 वर्ष तक एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण ही होगा।

शेखावत ने बताया कि 108 व 104 एम्बुलेंस कर्मचारियों द्वारा पिछले 13 वर्षों की राज्य की आम जनता की आपातकालीन समय मे सर्दी, गर्मी, बरसात व दिन-रात, 24 घंटे सातों दिन लगातार अपनी जान की परवाह किये बिना जान बचाने का कार्य करते हैं और पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी में प्रथम सिपाही बनकर अपने व अपने परिवार की जान की परवाह किये बिना रात-दिन कार्य कर रहे है। इस कार्य में चितौड़गढ़, गंगानगर, अलवर में एक-एक एम्बुलेंस कर्मी कोविड-19 से शहीद भी हो गए है। लेकिन फिर उफ्फ तक नही करते है व अपना कार्य कर रहे है और इन एम्बुलेंस कर्मचारियो के कार्य करने के कारण राज्य सरकार का नाम होता है लेकिन सरकार इन कर्मचारियों के लिए कुछ कर सकती है बल्कि उल्टा यूनियन  पदाधिकारियो द्वारा एम्बुलेंस कर्मचारियो किं माँग उठाने में पुलिस थाने में यूनियन पदाधिकारियो के लिए परिवाद दिया जा रहा है

शेखावत ने कहा कि एम्बुलेंस चालक दल में वर्तमान में मिल रहा सकल वेतन ईएमटी (नर्सिंगकर्मी) 9880 रुपये और पायलेट (ड्राइवर) का सकल वेतन  9566 रुपये है, इसमें  राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार का 20% बढ़ोतरी  होनी चाहिये। इसके अलावा श्रम कानून अनुसार कार्य समय 8 घंटे किया जना चाहिए। इसके अलावा एम्बुलेंस कर्मचारियों का वेतन प्रतिवर्ष 10% बढ़ना चाहिए। यदि नई निविदा में इन शर्तों की अनुपालना नहीं हुई, तो शेखावत ने मुख्यमंत्री निवास के बाहर मंगलवार, 15 जून को सुबह 10 बजे आत्मदाह की चेतावनी दी है।  

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