अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह ने बुधवार, 4 अक्टूबर को शासन सचिवालय में राजस्थान में वर्ष 2030 तक रेबीज उन्मूलन के लिए स्टेट एक्शन प्लान लॉन्च किया। सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे अनुसार देश में प्रतिवर्ष लगभग 20 हजार लोगों की रेबीज से मृत्यु हो जाती है। इनमें 91.5 प्रतिशत कुत्तों के काटने से होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, नगर निगम एवं तकनीकी पार्टनर संस्थान पाथ के सहयोग से स्टेट एक्शन प्लान तैयार किया है। इस प्लान के अनुसार राज्य, जिला एवं स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों की अध्यक्षता में विभिन्न सहयोगी विभागों की समन्वय समिति गठित होगी और रेबीज रोग के कारणों पर नियंत्रण व जनजागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी तथा चरणबद्ध तरीके से रेबीज उन्मूलन किया जायेेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रथम चरण (वर्ष 2023-25) में सामाजिक जागरूकता, डेटा कलेक्शन, कॉल सेंटर की स्थापना, पैरामेडिकल एवं पैरावेटेनरीज को प्रशिक्षित करना, जिला स्तर पर एक्शन प्लान बनाना, वैक्सीन की उपलब्धता एवं श्वानों का टीकाकरण किया जायेेगा। द्वितीय चरण (वर्ष 2025-27) में रेबीज की जांच के लिए सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करना, पालतू जानवरों का पंजीकरण, जिन जानवरों से रेबीज होता है उनकी गणना एवं रेबीज मुक्त जोन बनाये जाने हैं। अंतिम चरण (वर्ष 2028-30) में प्रथम एवं द्वितीय चरण में की गई गतिविधियों को सुचारू रूप से निरंतर करते हुए संबंधित जिलों को रेबीज मुक्त घोषित किया जाना है।
इस अवसर पर मिशन निदेशक एनएचएम डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी, संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता, निदेशक जन-स्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर, निदेशक आरसीएच डॉ लोकेश चतुर्वेदी, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह शेखावत, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश शर्मा, एसएनओ डॉ एमएल सालोदिया, डॉ महेश शर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी नगर निगम-हेरिटेज, जयपुर सहित अन्य अधिकारीगण एवं पाथ संस्थान के डॉ टिकेश बिशेन भी मौजूद थे।