जयपुर। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग, विपक्षी नेताओं का दमन करने और बिना किसी आधार के नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी का नोटिस दिये जाने के खिलाफ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के नेतृत्व में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से अम्बेडकर सर्किल स्थित ईडी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला और धरना देकर केन्द्र सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
धरने को सम्बोधित करते हुए डोटासरा ने कहा कि गत् 8 वर्ष से मोदी सरकार देश में तानाशाहीपूर्ण तरीके से शासन कर रहे हैं। देश का वातावरण खराब किया जा रहा है, जनता भयभीत है, केन्द्र सरकार द्वारा चुन-चुन कर विपक्षी नेताओं के विरूद्ध साजिश के तहत् झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे असंवैधानिक कार्यों के कारण देश को बड़ी हानि उठानी पड़ रही है। जिन राज्यों में भाजपा के अलावा अन्य किसी दल की सरकार है, वहां पर सरकार गिराने का षडय़ंत्र किया जाता है। यदि राजस्थान की तरह सरकार गिराने के षडय़ंत्र में भाजपा सफल ना हो सके तो साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाडऩे का कार्य भाजपा करती है।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव नजदीक आते हैं वहां पर संवैधानिक संस्थाओं ईडी, सीबीआई एवं इनकम टैक्स के नोटिस तथा छापे पडऩे चालू हो जाते हैं तथा संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर विपक्षी नेताओं के दमन का प्रयास भाजपा की केन्द्र सरकार करती है।
डोटासरा ने कहा कि झूठे केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ईडी का नोटिस देकर केन्द्र की भाजपा सरकार ने हद पार की है। केन्द्र सरकार का यह रवैया तानाशाही की पराकाष्ठा है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि यदि इस वक्त केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो आने वाली पीढिय़ां कभी माफ नहीं करेगी। कांग्रेस के समस्त कार्यकर्ताओं को पूरी ताकत से फासीवादी सरकार का सामना करना होगा अन्यथा आने वाले समय में चुनाव बंद हो गये यह भी सुनने और पढऩे को मिल सकता है।
डोटासरा ने कहा कि नेशनल हैराल्ड अखबार आजादी के आन्दोलन में अंग्रेजों के खिलाफ लोगों की आवाज उठाने का कार्य करता था तथा इस अखबार का आजादी के आन्दोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। घाटे में जा रहे अखबार को कांग्रेस पार्टी ने आजादी के आन्दोलन की धरोहर मानकर 90 करोड़ रूपये का ऋण दिया, ऋण ना चुका पाने पर नेशनल हैराल्ड द्वारा कानूनी प्रावधानों के अन्तर्गत यंग इण्डिया जो कि नॉन प्रोफिट ऑर्गेनाईजेशन है, को अपने शेयर प्रदान करती है, इस सम्पूर्ण कार्यवाही को भारत का कानून एवं संविधान इजाजत प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सुब्रह्मणयम स्वामी जिन्होंने इस मामले का मुकद्मा दर्ज करवाया था, स्वयं मानते हैं कि इस प्रक्रिया में किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है तथा स्वीकार करते हैं कि उन्होंने यह सब कार्यवाही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिये की थी। प्रकरण कोर्ट में विचारधीन है, ऐसी स्थिति में ईडी का नोटिस देकर केन्द्र की भाजपा सरकार ने निरंकुश एवं तानाशाह होने का परिचय दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूल जाते हैं कि लोगों ने अपने हित एवं विकास के लिये सरकार बनाने हेतु मतदान किया था तथा सभी जनप्रतिनिधि देश में ट्रस्टी के नाते नियमानुसार लोक कल्याणकारी कार्य करने हेतु बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि नोटिस देकर केन्द्र सरकार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान को ललकारा है। केन्द्र सरकार के किसी भी अत्याचार से कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं डरेंगे तथा चाहे लाठी खानी पड़े अथवा जेल जाना पड़े कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ मजबूती से इंसाफ की लड़ाई लडऩे हेतु खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि झूठे मुकदमे में राहुल गांधी को गिरफ्तार करने की कुचेष्टा केन्द्र सरकार ने की तो कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तारियां देकर देशभर की जेलें भर देंगे।
धरने को मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, डॉ. चन्द्रभान, गोविन्द राम मेघवाल, शकुंतला रावत, ममता भूपेश, रमेशचन्द मीणा, परसादीलाल मीणा, प्रतापसिंह खाचरियावास, राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढा, विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा, मुकेश भाकर, रामनिवास गावडिय़ा, इन्द्राज गुर्जर, जगदीश जांगिड़, संदीप यादव, गिरिराज सिंह मलिंगा, प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम अख्तर इंसाफ, सामाज कल्याण बोर्ड की चेयरमेन डॉ. अर्चना शर्मा, आरटीडीसी के चेयरमेन धर्मेन्द्रसिंह राठौड़, केशकला बोर्ड के चेयरमेन महेन्द्र गहलोत, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी, रिद्धकरण चौधरी, दिनेश सूण्डा सहित अनेक नेताओं ने सम्बोधित किया।