राजस्थान में बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने की दिशा में मजबूत उपाय के रूप में शुरू किए गए ‘मेगा जॉब फेयर’ बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए नौकरी हासिल करने का बेहतर जरिया बनकर उभरे हैं। कौशल, रोजगार और उद्यमिता विभाग की ओर से जिला मुख्यालयों पर अब तक आयोजित हुए 21 जॉब फेयर में करीब 66 हजार युवाओं को नौकरी के ऑफर मिल चुके हैं। यह जानकारी कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता राज्य मंत्री अशोक चांदना ने दी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में 100 ‘मेगा जॉब फेयर’ लगाने की महत्वपूर्ण पहल की है। पहला जॉब फेयर पिछले साल 14 एवं 15 नवम्बर को जयपुर में आयोजित किया गया था। उसके बाद अब तक सात संभाग मुख्यालयों सहित 21 जिलों में मेगा जॉब फेयर सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें सबसे हाल का आयोजन गत 23 सितम्बर को सिरोही में किया गया। इन जॉब फेयर में 5 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण करवाया, जिनमें से 1.77 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने साक्षात्कार प्रक्रिया में भाग लिया। आईटी, फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन सहित 15 क्षेत्रों की 100 से अधिक कंपनियों ने करीब 66 हजार युवक-युवतियों को उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरी ऑफर की।
शासन सचिव पीसी किशन ने बताया कि इन जॉब फेयर्स में करीब 24 हजार महिलाएं इंटरव्यू देने पहुंची, जिनमें से 6 हजार 753 महिलाओं को जॉब ऑफर हुई। जयपुर जॉब फेयर में शिखा दाधीच को सबसे ज्यादा 7 लाख 20 हजार रुपए सालाना का पैकेज मिला। उन्हें डॉट स्टार्क टेक्नोलॉजी कंपनी में बतौर सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर हायर किया गया। उन्होंने बताया कि जॉब फेयर्स में सबसे ज्यादा संदीप कुमार को 9.24 लाख रुपए का जॉब मिला। उदयपुर जॉब फेयर में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने उन्हें यह नौकरी दी। इसी प्रकार जोधपुर जॉब फेयर में विवेक को सर्वाधिक 9 लाख रुपए वार्षिक का पैकेज मिला।
पीसी किशन ने बताया कि इन जॉब फेयर की एक यह भी खासियत रही कि यह पूरी तरह पेपरलेस रहे। इनमें रजिस्ट्रेशन से लेकर शॉर्ट लिस्टिंग तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रही। आशार्थियों ने क्यूआर कोड से स्कैन कर जरूरी जानकारी भरकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया और आयोजन स्थल पर क्यूआर कोड को स्कैन कर ही अपनी हाजिरी लगा दी। कंपनियों ने इंटरव्यू लेकर शॉर्ट लिस्ट करने के बाद ई—मेल एवं फोन से ही अगले दौर के साक्षात्कार एवं ज्वॉइनिंग की सूचना दी।