जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम प्रबन्धन द्वारा राजस्थान रोडवेज के लोगो का ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के तहत् रजिस्ट्रेशन कराया गया है ताकि कुछ निजी बस संचालकों द्वारा लोगो का अवैध इस्तेमाल रोका जा सके।
निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राजेश्वर सिंह ने बताया कि राजस्थान रोडवेज द्वारा इस लोगो का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण निजी बस संचालकों द्वारा यात्रियों को भ्रमित करने के उद्देश्य से बसों पर इस्तेमाल करने की शिकायतें मिल रही थी, वहीं इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा था। इसलिये लोगो का रजिस्ट्रेशन कराया गया है, जिससे निजी बस मालिकों द्वारा इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
सिंह ने बताया कि राज्य व अन्तर्राज्यीय मार्गों पर राजस्थान रोडवेज से मिलते-जुलते कलर की बसें अवैध रूप से संचालित होने की भी शिकायतें मिल रही हैं। इसलिए रोडवेज द्वारा बसों पर इस्तेमाल कलर व डिजाइन को भी पेटेंट करवाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि राजस्थान रोडवेज द्वारा वर्तमान में इस लोगो का 1976-77 से इस्तेमाल किया जा रहा था। वर्ष 1976-77 से पूर्व राजस्थान रोडवेज का लोगो राजस्थान का मानचित्र, विजय स्तम्भ एवं अशोक चिन्ह के साथ बनाया हुआ था। वर्तमान ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के तहत् रजिस्टर्ड लोगो है।