दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर जयपुर में राजस्थान इण्टरनेशनल सेंटर (आरआईसी) का निर्माण किया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार, 17 अप्रेल को करीब 140 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस आरईसी का लोकार्पण किया। इस सेंटर में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक, व्यापारिक, अकादमिक कार्यक्रमों सहित उच्च स्तरीय बैठकों, सेमिनारों एवं सम्मेलनों का आयोजन किया जा सकेगा। राजस्थान को 2030 तक देश का प्रथम राज्य बनाना राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है।
गहलोत ने जयपुर के झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एंड सोशल साइंसेज, सवाई मानसिंह अस्पताल में बहुमंजिला आईपीडी टॉवर, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, विधानसभा में डिजिटल म्यूजियम, गांधी दर्शन म्यूजियम जैसे निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इससे जयपुर एक विश्व स्तरीय शहर बनकर उभर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की बेहतरीन योजनाओं की पूरे देश में चर्चा हो रही है। शिक्षा व स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्राथमिकताएं हैं। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए का निःशुल्क बीमा उपलब्ध करवाया जा रहा है। 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले चार साल में 303 महाविद्यालय खोले गए हैं जिनमें 130 बालिका महाविद्यालय हैं। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, एम्स, निफ्ट जैसे विश्वस्तरीय संस्थान स्थित हैं। कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से ओपीएस लागू किया गया है।
गहलोत ने कहा कि बड़ौदा महाराज ने एक युवा को विदेश में पढ़ने के लिए भेजा और वो डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्व बनकर लौटे। राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के तहत 500 बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजा जा रहा है। विदेश में उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने से इन बच्चों की प्रतिभा में और निखार आएगा तथा ये बच्चे भी देश-प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने इस दौरान राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के मुख्य सभागार, कन्वेंशन हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, दो मिनी ऑडिटोरियम, दो कॉन्फ्रेंस हॉल, बोर्ड मीटिंग हॉल, एक्जीबिशन हॉल, लेक्चर हॉल तथा लाइब्रेरी का अवलोकन किया। गहलोत ने अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन के आर्किटेक्चर की सराहना की। उन्होंने मुख्य आर्किटेक्ट श्री प्रमोद जैन सहित निर्माण कार्य में योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया।
आरआईसी की वेबसाइट तथा ई-लाइब्रेरी लॉन्च –
इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर की वेबसाइट भी लॉन्च की। वेबसाइट के माध्यम से सेंटर में होने वाले बैठक, समारोह, सेमिनार आदि के लिए ऑनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध होगी। इस अवसर पर गहलोत ने सेंटर में स्थित पं.जवाहर लाल नेहरू ई-लाइब्रेरी का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि 1 लाख से अधिक पुस्तकों से युक्त यह ई-लाइब्रेरी देश-विदेश में ऑनलाईन उपलब्ध होगी। साथ ही उन्होंने सेंटर के ब्रॉशर का भी विमोचन किया।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में उत्कृष्ट आधारभूत ढांचे का विकास हो रहा है। जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त रवि जैन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए सेंटर के बारे में विस्तृत रूप से बताया। इस दौरान प्रमुख शासन सचिव यूडीएच कुंजीलाल मीणा ने मुख्यमंत्री को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर की आजीवन सदस्यता का कार्ड दिया तथा धन्यवाद ज्ञापित किया।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेवेन्यू रिसर्च एंड एनालिसिस का लोकार्पण
इससे पहले गहलोत ने झालाना स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेवेन्यू रिसर्च एंड एनालिसिस का लोकार्पण किया। अत्याधुनिक तकनीकों एवं उपकरणों से युक्त इस सेंटर के माध्यम से आंकडे आधारित नितियों पर शोध तथा इनके राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन में सुगमता हो सकेगी। सेंटर में प्रौद्योगिकी के माध्यम से विभिन्न विभागों में बेहतर समन्वय हो सकेगा जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी। 61 करोड़ रुपए की लागत से बने इस 7 मंजिला भवन में 160 लोगों की बैठने की क्षमता है।
समारोह में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव, कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष अमीन कागजी, राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष रफीक खान, विधायक श्रीमती गंगा देवी, मुख्य सचिव उषा शर्मा, यूडीएच सलाहकार जीएस संधू सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।