जयपुर। शिक्षा, पर्यटन एवं देवस्थान राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने रविवार को सीकर (Sikar) जिले में हर्ष पर्वत (Harsh Parwat) का दौरा कर मंदिर पुजारी मनोज कुमार से यहां की व्यवस्थाओं और पर्यटकों के समक्ष आने वाली समस्याओं को जाना। उन्होंने वन विभाग, पर्यटन, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर्ष पर्वत पर पर्यटन विकास की विपुल संभावनाओं को देखते हुए यहां पर सड़क, छाया, पार्किंग, केंटिन की सुविधा और मंदिर के जीर्णोद्धार जैसे विकास कार्य करने के लिए कार्य योजना तैयार करें ताकि बजट स्वीकृत कराने के साथ ही कार्य शुरू कराया जा सके।
डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में शेखावाटी क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए शेखावाटी सर्किट की घोषणा की थी, उसको लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है। हर्ष पर्वत की सबसे पहले लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से सड़क बन रही है, जिससे लोगों को भैरवनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए आवागमन में सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही हर्ष पर्वत पर पर्यटन विकास के लिए अन्य विकास कार्यों का एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है।
डोटासरा ने कहा कि हर्ष पर्वत को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए भैरूजी मंदिर में पुरातत्व विभाग की तरफ से श्रद्धालुओं के बैठने के लिए छाया की व्यवस्था, मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य कराया जाएगा। यहां आने वाले पैदल श्रद्धालुओं के लिए रास्ते में जगह-जगह छाया, झोपड़ियों और कुर्सियों की व्यवस्था की जाएगी ताकि यहां बैठकर इस प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें।
हर्ष पर्वत पर वन विभाग का गेस्ट हाऊस बना हुआ है जिसमें सभी व्यवस्थाएं है, ऐसी व्यवस्थाएं आम लोगों के लिए भी हो, जिसके लिए लगभग 8 करोड़ रुपए की राशि हर्ष पर्वत पर विकास कार्यों के लिए व्यय की जाएगी। पर्वत पर पीपीपी मोड़ पर रोपवे (ropeway) की व्यवस्था का प्रयास किया जाएगा जिससे पर्यटक और श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि गुजरात से दिल्ली तक फैली अरावली पर्वत माला में अनेक ऊंची चोटियां है। इन ऊंची चोटियों में सीकर जिले के हर्ष पर्वत भी शुमार होता है। जयपुर-बीकानेर हाइवे पर सीकर में हर्ष पर्वत दूर से ही दिखाई देता है और पर्यटकों को अपनी ओर आकृष्ट करता है।