जयपुर। बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के मामले में विधानसभा स्पीकर के पास लंबित याचिका को खारिज करने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्पीकर सीपी जोशी, सचिव और छह विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन सभी को 11 अगस्त तक हाईकोर्ट में जवाब पेश करना होगा। न्ययाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा की याचिका पर दिए हैं।
न्यायालय के आदेश के बाद दिलावर का कहना है कि 14 अगस्त को विधानसभा है। सरकार की तरफ से कई बिल लाए जाएंगे, विश्वास मत भी लाया जाएगा, हमारी ओर से अधिवक्ता हरीश साल्वे यही मांग रखेंगे कि यह छह विधायक वोट नहीं कर पाएं, इनके वोट करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए।
दिलावर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों का विलय कांग्रेस में कर दिया था। हमारी मांग यही है कि इन विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए और इनकी सदस्यता निलंबित की जाए। न्यायालय ने इस मामले को गंभीर मानते हुए अध्यक्ष, सचिव और विधायकों को नोटिस जारी किया है। हमारे वकीलों ने जो सवाल उठाए हैं, न्यायालय ने इनसे उनका जवाब मांगा है।
उधर बसपा की ओर से भी विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के 18 सितंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी गई है। बसपा की ओर से न्यायालय में कहा गया कि वह राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है। यदि उसका विलय होना है तो वह राष्ट्रीय स्तर पर ही हो सकता है, लेकिन कांग्रेस ने राज्यस्तर पर उनके छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया है, स्पीकर का विलय का आदेश गलत है। ऐसे में स्पीकर का आदेश रद्द किया जाए और विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाए।