जयपुर। राजस्थान के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले 5 हजार जनजाति कृषकों को बिजली के बिलों से निजात दिलाने व खेती के लिए समय पर उर्जा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर है। इस संदर्भ में ‘कुसुम योजना ’ के तहत सौर ऊर्जा चालित पम्प (सोलर पम्प) स्थापित करने के लिए 11.85 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जायेगा।
अधिकतर जनजाति कृषकों की आर्थिक हालत कमजोर
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के अधिकतर जनजाति कृषकों की कमजोर आर्थिक हालत को देखते हुए वर्ष 2020-21 के बजट में ‘कुसुम योजना ’ की शुरुआत की। अब इसके तहत जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के माध्यम से 5 हजार जनजाति कृषकों के लिए को सोलर पम्प स्थापित करने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि कुसुम योजना के तहत 4500 जनजाति कृषकों को 2 चरणों में लाभान्वित किया जायेगा और इस पर 11.85 करोड़ रुपये खर्च होंगे ।
बामनिया का कहना है कि इस योजना के माध्यम से राजस्थान के जनजाति कृषकों द्वारा खेती से अधिक उपज ली जा सकेगी जिससे उनकी आय में वृद्वि होगी एवं बिजली के बिल से भी निजात मिलेगी। उन्होंने बताया कि इससे होने वाली आय को कृषकों द्वारा लिये गये ऋण की किस्त को अदा करने में समायोजित किया जाएगा।