राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने 12 जनवरी को अलवर (Alwar) में एक मूक-बधिर बालिका के साथ हुई दुष्कर्म (rape case) की घटना पर राज्य सरकार (Rajasthan government) के रवैये (attitude) को दुर्भाग्यपूर्ण (Unfortunate) बताया है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। चतुर्वेदी ने कहा कि बालिका बोल व सुन नहीं सकती लेकिन संपूर्ण राजस्थान उसकी आवाज बनकर पीड़ित बेटी व उसके परिवार के साथ खड़ा है।
चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अलवर में मूक-बधिर बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में अलवर की पुलिस अधीक्षक के बयान की भी निंदा करते हुए इस वक्तव्य को अनुसंधान को प्रभावित करने तथा दरिंदगी को छुपाने का प्रयास बताया है।
पूर्व मंत्री चतुर्वेदी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 375 में दी गई परिभाषा का उल्लेख करते हुए इस घटना को तथ्यों एवं चिकित्सकों के वक्तव्यों के आधार पर स्पष्ट रूप से दुष्कर्म की घटना में माना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस प्रकरण को मात्र राजनीतिक चश्मे से ना देखें बल्कि संपूर्ण राजस्थान के अभिभावक होने के नाते से देखें। साथ ही अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को इस प्रकरण में अनर्गल बयानबाजी से प्रतिबंधित करें।
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री का वक्तव्य, अगर पीड़ित बालिका के पिता मांग करेंगे तो हम सीबीआई जांच को भेज सकते हैं। वास्तव में सरकार की बेबसी और राज्य के पुलिस प्रशासन के नाकारापन को इंगित करता है।