जयपुर । सांसद दियाकुमारी ने पीएम मोदी के 10 पैरा एसएफ रेजीमेंट के जवानों से मुलाकात के क्षणों को जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षण बताते हुए कहा कि एक सैनिक की बेटी के लिए इससे ज्यादा महान क्षण क्या हो सकते है जब अपने ही पिता द्वारा स्थापित रेजिमेंट का दुनिया के सबसे लोकप्रिय और चर्चित व्यक्तित्व द्वारा निरीक्षण के जीवंत पलों को पूरी दुनिया के साथ निहारा जा रहा हो।
मेरा मस्तक भी ऊंचाः दिया कुमारी, सांसद राजसमंद
राजसमंद से सांसद दियाकुमारी ने कहा कि जब पीएम मोदी ने मेरे स्व. पिता ब्रिगेडियर महाराजा सवाई भवानी सिंह द्वारा स्थापित की गई 10 पैरा एसएफ रेजीमेंट के जवानों से मुलाकात की तो मेरा मस्तक भी गर्व से ऊंचा हो गया। मैं कल्पना कर सकती हूं कि रेजिमेंट स्थापना का क्षण कैसा रहा होगा! देश की सुरक्षा में डटे सेना के ऐसे वीर जवानों के प्रति सम्मान भाव के लिए हम सभी प्रधानमंत्रीजी का कोटिशः आभार व्यक्त करते हैं।
स्वर्गीय महाराजा भवानी सिंह की पुत्री हैं दिया कुमारी
उल्लेखनीय है कि राजसमन्द सांसद दियाकुमारी स्व. ब्रिगेडियर महाराजा सवाई भवानी सिंह की ही पुत्री हैं। उनके पिता ने ही सेना में 10 पैरा एसएफ रेजीमेंट की स्थापना की थी। उनमें राष्ट्र प्रेम का जज़्बा इस कदर था कि जीवन भर सेना में सेवाएं देने के उपरांत भी मेहनताना सिर्फ एक रुपया महीना ही लेते थे। वो भी सिर्फ इसलिए कि कोई यह न समझे कि वो सेना पर कोई उपकार कर रहे हैं। उसी जज़्बे के दम पर छाछरा युद्ध में उन्होंने पाकिस्तान को नाकों चने चबवाए थे। महावीर चक्र से सम्मानित महाराजा सवाई भवानी सिंह के नाम पर अपने पूर्वजों की विरासत ही इतनी थी कि उन्हें सेना में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती लेकिन अपनी जिंदगी को ऐशोआराम में बिताने और विरासत में मिली सम्पदा को संभालने से ज्यादा तवज्जो उन्होंने अपनी मातृभूमि को दी।