जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लॉकडाउन से प्रभावित 35 लाख जरूरतमंद परिवारों को एक-एक हजार रुपए की अनुग्रह राशि एक बार और देने का निर्णय किया गया है। इस पर 351 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बैठक में पर्यटन और इससे जुड़े उद्योगों को संबल देने के लिए वित्तीय एवं गैर वित्तीय राहत उपायों का अनुमोदन किया गया।
कोरोना के कारण पर्यटन और होटल व्यवसाय व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है। इस क्षेत्र से लाखों लोगों की आजीविका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 के तहत पर्यटन, होटल और मल्टीप्लेक्स सेक्टर की इकाइयों को एक वर्ष के लिए अतिरिक्त लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
पैकेज के अंतर्गत पर्यटन उद्योग द्वारा देय एवं जमा एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति की अवधि को तीन माह से बढ़ाकर एक वर्ष किया गया है। रिप्स में पर्यटन क्षेत्र को अति प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में शामिल किया जाएगा, इस प्रावधान से इस सेक्टर को रिप्स में देय सामान्य लाभ के अलावा ब्याज अनुदान और पूंजीगत अनुदान का अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा।
उद्योगों को राहत देने के लिए रीको के माध्यम से करीब 220 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का भी अनुमोदन किया गया। इसके तहत 31 दिसंबर तक सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराए की राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज में शत प्रतिशत की छूट, आवंटित भूखंड पर गतिविधि प्रारंभ करने के लिए दी गई अवधि में हुई देरी के नियमितिकरण पर लगने वाले प्रभार में छूट मिल सकेगी।
मंत्रिपरिषद ने आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सोश्यल डिस्टेंसिंग सहित अन्य सावधानियों के साथ पुन: संचालित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेश में सिटी बसों और ऑटोरिक्शा का संचालन शुरू हो सकेगा।
अब विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में प्रतिवर्ष मिलने वाली सवा दो करोड़ रुपए की राशि में से आगामी दो वर्ष तक चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपए तथा शेष सवा करोड़ रुपए स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकास कार्यों पर खर्च कर सकेंगे।