अदालतदिल्ली

सांसद बृज भूषण शरण सिंह को यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट से पहले और अब पार्टी से लग सकता है जोर का झटका..!

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृज भूषण शरण सिंह को यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने यौन उत्पीड़न मामले की नए सिरे से जांच करने की मांग की थी। वहीं, कोर्ट अब मुख्य मामले में आरोप तय करने पर फैसला 7 मई को सुना सकती है। बता दें कि उनकी याचिका पर एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने सुनवाई की है। बता दें कि बीते 18 अप्रैल को सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोप तय करने के आदेश का फैसला सुरक्षित रख लिया था।
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मामले की जांच नए सिरे से करने की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने आरोपों का जवाब देने के लिए और समय दिए जाने की मांग की थी। उन्होंने याचिका में दावा किया था घटना के दिन वह भारत में नहीं थे। वहीं, महिला पहलवानों के वकील ने उनकी याचिका पर कोर्ट में आपत्ति जताई है और कहा कि यह याचिका मामले में देरी करने के उद्देश्य से दाखिल की गई है। बता दें कि शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम से वापस आने के बाद wfi के दिल्ली कार्यालय में उनका यौन उत्पीड़न किया गया था।
यौन उत्पीड़न का लगा था आरोप
बता दें कि भारतीय पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित कई महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उनके खिलाफ सात पहलवानों ने अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज कराए थे। इसमें से एक मुकदमा नाबालिग महिला पहलवान ने दर्ज कराया है, हालांकि वह बाद में अपने बसान से मुकर गई थी। महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोर्ट में 1,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है।
फंस सकता है उनका टिकट
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से अभी अपने प्रत्याशी को नहीं उतारा है। यहां से बृज भूषण शरण सिंह को टिकट मिलने के कयास लगाए जा रहे थे, उन्होंने अपना प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि अब उनका कैसरगंज से टिकट फिर से फंस सकता है

Related posts

वित्त वर्ष 2021-22 का बजटः अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बड़ा प्रयास

admin

बांग्लादेश की आपदा में भारत के लिए अवसर..!

Clearnews

हरियाणा में अब 1 की बजाय 5 अक्टूबर को मतदान और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी

Clearnews