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राजस्थानः मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिए सावधान रहें

राजस्थान में मौसमी बीमारियों की समस्या गंभीर ना हो जाए, इसके लिए पहले ले ही उचित इंतजाम किये जा रहे हैं। यहां के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों को आगामी मानसून में मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम को लेकर अलर्ट किया है। उन्होंने कहा है कि राजधानी से लेकर गांव-ढाणी तक मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रहे।
खींवसर बुधवार को स्वास्थ्य भवन में मौसमी बीमारियों से बचाव की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में जुलाई माह में मानसून आने की संभावना है। इसे देखते हुए मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि मौसमी बीमारियों से बचाव, अतिवृष्टि की स्थिति में जलभराव, चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक मरम्मत कार्यों सहित आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर की जाएं। उन्होंने कहा कि तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आरएमआरएस में उपलब्ध राशि का युक्तिसंगत उपयोग किया जाए।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि संयुक्त निदेशक जोन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर तैयारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। बारिश शुरू होने से पहले सभी चिकित्सा संस्थानों में दवा, जांच, उपचार सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्षों का सुचारू संचालन हो। रेपिड रेस्पॉन्स टीमें अलर्ट रहें। जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों के साथ बेहतर तालमेल रखा जाए।
खींवसर ने कहा कि लू-तापघात से बचाव के लिए विभागीय अधिकारियों एवं कार्मिकों ने प्रभावी इंतजाम सुनिश्चित किए, जिसके कारण प्रदेश में हीटवेव जनित बीमारियों से लोगों को तत्काल राहत मिल सकी और मौतों की संख्या को नियंत्रित किया जा सका। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान भी इसी तरह संकल्पित भाव से काम कर आमजन को राहत पहुंचाएं।
चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि मौसमी बीमारियों पर रोकथाम को लेकर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। आगामी मानसून को देखते हुए एडवाइजरी जारी कर दी गई है। मौसमी बीमारियों पर रोकथाम एवं जल भराव आदि समस्याओं से निपटने के लिए जिला स्तर पर एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। आवश्यक कार्य आरएमआरएस फण्ड में उपलब्ध राशि के माध्यम से किए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
सिंह ने बताया कि जलभराव की संभावना को देखते हुए चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षात्मक उपाय अपनाने एवं आपातकालीन स्थितियों सहित विभिन्न तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश निचले स्तर तक दिए गए हैं। चिकित्सा अधिकारियों को कहा गया है कि मानसून को देखते हुए चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक मरम्मत एवं रिपेयर कार्य समय पर करवाएं ताकि अस्पतालों में संसाधनों की हानि नहीं हो एवं रोगियों को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़। पेयजल दूषित होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए ब्लीचिंग पाउडर एवं क्लोरीन का पर्याप्त भण्डारण रखने, जल स्रोतों का नियमित शुद्धिकरण करवाने, जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रखने व एंटीलार्वल गतिविधियां करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, जन साधारण को बीमारियों से बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री ने विभाग द्वारा प्रकाशित ‘सफलता के 100 दिन’ ब्रोशर एवं विभागीय योजनाओं व उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक ‘आपणो स्वस्थ राजस्थान’ का विमोचन भी किया। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत राणावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, संयुक्त निदेशक जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पीएमओ, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम आदि भी वीसी से जुडे़।

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