प्रदेश भर में निजी बस (private buses) संचालक गुरुवार को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल (strike) पर रहेंगे। सुबह से ही बसें नहीं चलेंगी। बस मालिक संघ के अध्यक्ष एवं बस ऑनर एसोसिएशन राजस्थान के महासचिव सत्यनारायण साहू ने बताया कि प्रदेश में 29 हजार बसें बन्द रहेंगी। परिवहन मंत्री ने 2 माह का टैक्स माफ करने की बात कही है, लेकिन इससे वे सहमत नहीं है।
अब सरकार की बस मालिकों के प्रति गलत नीतियों के विरोध में गुरुवार (Thursday) को सांकेतिक हड़ताल रखकर प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा। सांकेतिक हड़ताल के बाद भी सरकार नहीं सुनती है तो बस मालिकों की जयपुर में बैठक आयोजित कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। बस मालिकों की एक वर्ष का टैक्स माफ करने, 40 प्रतिशत किराया बढ़ाने समेत अन्य मांगें हैं।
निजी बसों की हड़ताल के चलते गुरुवार को रोडवेज की बसों में यात्री भार बढ़ेगा। निजी बसों की हड़ताल के मद्देनजर निजी बसों के यात्रियों का भार रोडवेज की बसों पर पड़ेगा। हड़ताल के कारण रोडवेज में यात्री भार बढ़ने पर अतिरिक्त बसें भी चलाई जा सकती है।
रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार अतिरिक्त बसों का संचालन आवश्यकता पड़ने पर ही किया जाएगा। रोडवेज के पास बसें तो पर्याप्त संख्या में है, लेकिन चालक-परिचालक की व्यवस्था नहीं होने के कारण सभी रूटों पर अतिरिक्त बसें चलाना संभव नहीं हो पाएगा। फिर भी रोडवेज की यह कोशिश रहेगी कि जहां-जिस रूट पर अच्छा यात्री भार मिलेगा और स्टाफ की व्यवस्था हो जाएगी, वहां अतिरिक्त बसें चलाकर न केवल यात्रियों को राहत दी जाएगी, बल्कि यात्री भार से राजस्व वृद्धि भी की जाएगी।