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अनुत्तीर्ण (Failed) आरएएस परीक्षा (RAS Exam) अभ्यर्थी (Candidates) अपनी खीझ मिटाने को लगा रहे हैं आरोप, 300 से ज्यादा लोगों के हैं 75 से 80 फीसदी अंकः शिक्षा मंत्री डोटासरा

राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि आरएएस परीक्षा-2018 में 300 से ज्यादा लोगों के नंबर 75 से 80 फीसदी के बीच हैं।राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) प्रतिभा आधारित परीक्षा है। इसमें कोई घालमेल नहीं है। अंक मुद्दा नहीं होना चाहिए। यह सोशल मीडिया का प्रचार है, पारिवारिक संबंधों के कारण किसी को अंक नहीं मिलते हैं। अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी अपनी खीझ मिटाने को ऐसा कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) भर्ती परीक्षा -2018 में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों के अंक जारी होने के साथ ही राज्य के शिक्षा मंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा को संदेह की निगाहों से देखा जा रहा है। चूंकि डोटासरा की पुत्रवधु के भाई और बहन प्रभा भी इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं और दोनों को ही साक्षात्कार में 80 फीसदी अंक मिले हैं इसीलिए सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जिन दोनों भाई-बहिन को लिखित परीक्षा में 50 फीसदी से भी कम अंक मिले, वे साक्षात्कार में एक समान 80 फीसदी अंक कैसे ला सकते हैं।

यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह की पुत्रवधु प्रतिभा ने भी साल 2016 में आरएएस की परीक्षा पास की थी और इस परीक्षा के साक्षात्कार में उन्हें भी 80 फीसदी ही अंक मिले थे। इस तरह राज्य में इस बात की चर्चा है कि तीनों भाई-बहनों के साक्षात्कार में समान अंक संयोगवश हैं या उन्हें डोटासरा का सहयोग मिला है।  

इस अजीबोगरीब संयोग पर गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि आरएसएस परीक्षा में 300 से ज्यादा लोगों के नंबर 75 से 80 फीसदी के बीच हैं। इसके अलावा स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा, ” मेरी पुत्रवधु प्रतिभा से तो रिश्ता ही आरएएस परीक्षा के बाद जुड़ा था।’  यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि बहू प्रतिभा के भाई गौरव का तो दिल्ली पुलिस में भी एएसआई के पद पर चयन हो चुका है। यदि बच्चे टैलेंटेड हैं, तो फिर इसमें मेरा क्या दोष है?”  डोटासरा का कहना है कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) प्रतिभा आधारित परीक्षा है। इसमें कोई घालमेल नहीं है। अंक मुद्दा नहीं होना चाहिए। यह सोशल मीडिया का प्रचार है, पारिवारिक संबंधों के कारण किसी को अंक नहीं मिलते हैं। अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी अपनी खीझ मिटाने को ऐसा कर रहे हैं।

अब सवाल यह है कि क्या इसको भी संयोग ही कहें चंद दिनों पहले ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आरपीएससी व आरएएस परीक्षा 2018 में ही घूसखोरी मामले का खुलासा किया था। पकड़े गए आरोपित कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह और आरपीएसपी मेंबर राजकुमारी गुर्जर के भाई के टोल नाके के सुपरवाइजर नरेंद्र पोसवाल के बारे में तफ्तीश में यह सामने आया है कि वे अभ्यर्थियों को साक्षात्कार परीक्षा में अच्छे नंबर दिलाने और सफल कराने की एवज में 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगा करते थे।

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