जयपुर

आरएएस आरएमएस अधिकारियों के आगे झुका स्वायत्त शासन विभाग, गलत तबादलों को किया दुरुस्त

जयपुर। नगर निगम ग्रेटर में हुए गलत तबादलों से आरएमएस और आरएएस अधिकारियों में उपजे रोष के आगे स्वायत्त शासन विभाग झुक गया है। विभाग ने यू टर्न लेते हुए अब गलत तबादलों को फिर से दुरुस्त किया है, ताकि अधिकारियों के रोष को शांत किया जा सके।

विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव दीपक नंदी ने बुधवार को आदेश जारी कर कर निर्धारक मोनिका सोनी को नगर निगम ग्रेटर के उपायुक्त कार्मिक पद से हटाकर जयपुर ग्रेटर उपायुक्त (जांच) सफाई कर्मचारी संवर्ग के पद पर लगाया है। वहीं पूर्व में उपायुक्त कार्मिक रह चुकी कविता चौधरी को उपायुक्त कच्ची बस्ती के पद से हटाकर फिर से ग्रेटर में उपायुक्त कार्मिक लगाया है। चौधरी को उप निदेशक (प्रशासन) निदेशालय, स्थानीय निकाय विभाग के रिक्त पद का कार्य भी अग्रिम आदेशों तक संपादित करने के लिए अधिकृत किया गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में किए गए गलत तबादलों के कारण नगर निगम के आरएमएस और आरएएस अधिकारियों में भारी रोष था और इन तबादलों के कारण निगम के प्रशासनिक कार्य प्रभावित होने लगे थे। वहीं दूसरी ओर निगम अधिकारियों में रंजिश बढ़ रही थी। इस एक गलत तबादले के बाद निगम के अन्य अधिकारी भी वरिष्ठता लांघ कर ऊंचे और मलाईदार पदों पर मलाई चाटने के लिए अपनी-अपनी राजनीतिक पहुंच लगाने लगे थे, जिसके चलते स्वायत्त शासन विभाग के आगे अजीबोगरीब परिस्थितियां उत्पन्न हो गई थी।

उल्लेखनीय है कि क्लियर न्यूज ने सबसे पहले 24 दिसंबर को ‘जयपुर नगर निगम ग्रेटर में जूनियर अधिकारी बने सीनियरों के बॉस’ खबर प्रकाशित कर बताया था कि स्वायत्त शासन विभाग ने एक कर निर्धारक को फिर से उपायुक्त बनाया है और उन्हें उपायुक्त कार्मिक का पद दिया गया है। वहीं 30 दिसंबर को ‘जयपुर नगर निगम ग्रेटर में नहीं चली चौधराहट, पहले आदेश में ही मुंह की खाई’ खबर प्रकाशित कर बताया था कि जूनियर अधिकारी को बॉस बनाए जाने से आरएएस और आरएमएस अधिकारियों में भारी रोष है।

जूनियर अधिकारियों ने ऊंचे पद पर बैठते ही बदले की कार्रवाई से काम शुरू कर दिया है। इसके बाद 11 जनवरी को ‘नगर निगम हैरिटेज में 3 जूनियर अधिकारी फिर बने बॉस’ खबर प्रकाशित कर बताया था कि कर निर्धारक के राजनीतिक पहुंच के कारण उपायुक्त बनने के बाद निगम में जूनियर अधिकारियों को बॉस बनाने की परंपरा चल गई है। इन खबरों के बाद स्वायत्त शासन विभाग हरकत में आया और उसने अपनी गलती को सुधारने का प्रयास किया है।

आकाओं को खुश करने के लिए गढ़ा नया पद


निगम सूत्रों का कहना है कि स्वायत्त शासन विभाग ने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने और कर निर्धारक को उपायुक्त बनाए रखने के लिए एक नया पद जयपुर ग्रेटर उपायुक्त (जांच) सफाई कर्मचारी संवर्ग गढ़ दिया, जबकि पूर्व में निगम में इस तरह का कोई पद नहीं था। सफाईकर्मियों की जांच के लिए निगम की स्वास्थ्य शाखा पूरी तरह से सक्षम थी, फिर इस नए पद के बनाए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Related posts

राजस्थान रोडवेज (Rajasthan Roadways) की जयपुर-दिल्ली मार्ग पर सुपर लग्जरी बस सेवा (Super Luxury Bus services) 1 जुलाई से

admin

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) को मिलेंगे 6 नये न्यायाधीश (Judges), सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कॉलेजियम ने दी मंजूरी

admin

राजस्थान में दलहन-तिलहन खरीद की पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत बढ़ाया

admin