जयपुर

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) : राजस्थान (Rajasthan) में 21 हजार से अधिक गांवों के लिए हो रहा विलेज एक्शन प्लान( village action plan) तैयार

जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में जल जीवन मिशन (JJM or Jal Jeevan Mission) के तहत गांव-ढ़ाणी स्तर पर स्थानीय पेयजल आवश्यकताओं का आकलन करते हुए प्रत्येक गांव का विलेज एक्शन प्लान (VAP or village action plan) तैयार किया जा रहा है। राज्य के 43 हजार 323 गांवों में से अब तक 21 हजार से अधिक गांवों का ‘वीएपी’ तैयार कर लिया गया है।

जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि प्रदेश में JJM के तहत वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को ‘हर घर नल कनेक्शन’से जोड़ने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। राज्य के करीब सभी गांवों में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियां बनाते हुए स्थानीय स्तर पर मजबूत संस्थागत ढांचा तैयार करने के बाद अब सभी गांवों की ‘ग्राम कार्य योजना’ बनाने के काम को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है।

प्रदेश में गत 15 अगस्त को आयोजित ग्राम सभाओं में बड़ी संख्या में VAP का अनुमोदन किया गया। अब आगामी 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में शेष बचे गांवों की ‘ग्राम कार्य योजनाओं’ के अनुमोदन के लक्ष्य के साथ तेजी से कार्य किया जा रहा है।

तीन जिलों में शत-प्रतिशत उपलब्धि
प्रदेश के तीन जिलों अजमेर, नागौर एवं जैसलमेर के सभी गांवों के विलेज एक्शन प्लान तैयार किए जा चुके है। सिरोही में 96 प्रतिशत, करौली में 94 प्रतिशत, कोटा में 92 प्रतिशत, हनुमानगढ़ में 88 प्रतिशत, श्रीगंगानगर और सवाई माधोपुर में 85-85 प्रतिशत, चित्तोड़गढ़ में 83 प्रतिशत तथा डूंगरपुर जिले में 74 प्रतिशत से अधिक गांवों के विलेज एक्शन प्लान तैयार कर लिए गए है। शेष जिलों में भी यह कार्य निरंतर गति पकड़ रहा है। सोमवार तक की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल 21 हजार 206 गांवों के विलेज एक्शन प्लान तैयार हो चुके है।

जल जरूरतों का मास्टर प्लान
ग्राम कार्ययोजना को सरल शब्दों में समझा जाए तो यह एक तरह से किसी गांव विशेष की जल जरूरतों को मास्टर प्लान है। इसमें पेयजल की उपलब्धता के इतिहास और मौजूदा परिदृश्य के साथ बारिश के पैटर्न, अकाल या सूखे की स्थितियां, किसी भी समय आई प्राकृतिक आपदा का विवरण, आपात परिस्थिति में टैंकरों या अन्य संसाधनों से जल परिवहन का आंकलन, भू-गर्भ जल एवं जल हितों की हालत, हितों के सुदृढ़ीकरण या भू-जल रिचार्ज से सम्बंधित कार्य, जल जनित बीमारियों के उद्धरण, जल संरक्षण एवं बचत के उपाय आदि पहलुओं के परिदृश्य को दर्शाया जाता है।

इस महत्वपूर्ण दस्तावेज में JJM के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के क्रियान्वयन और रखरखाव जैसे तमाम आवश्यक पहलुओं के बारे में तथ्यात्मक जानकारी का समावेश भी किया जाता है।

ऐसे तैयार हो रहे है विलेज एक्शन प्लान
JJM के तहत प्रदेश के जिलों में जिला जल एवं स्वच्छता समितियों के अधीन आईएसए-इम्पलीमेंट सपोर्ट एजेंसीज का चयन किया गया है। यह एजेंसी गांवों को दौरा कर वहां ग्रामीणों से पेयजल के परिदृश्य और भावी आवश्यकताओं के बारें में सार्वजनिक स्थानों पर व्यापक चर्चा करती है। इससे निकले निश्कर्ष को जेजेएम की गाइडलाइन के अनुसार ‘वीएपी’ के तहत सिलसिलेवार दर्ज किया जाता है।

ग्रामीणों की सहभागिता से तैयार इस दस्तावेज को ग्राम सभाओं की बैठक में रखा जाता है और इस फोरम से इसका अंतिम अनुमोदन होता है। इस प्रकार तैयार ‘ग्राम कार्य योजना’ JJM के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं को आधार तो बनती ही है, साथ ही इसमें इन योजनाओं के क्रियान्वयन, रख-रखाव, जनभागीदारी और संचालन का रोडमैप भी मौजूद रहता है।

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