राजनीति

नहीं चला विधायकों का दबाव, संगठन अपने हिसाब से करेगा टिकट वितरण

जयपुर। निकाय चुनाव-2020 में भाजपा संगठन अपने हिसाब से टिकट वितरण करेगा और इस बार पैराशूटी प्रत्याशियों के बजाए ठोस कार्यकर्ताओं को टिकटों से नवाजा जाएगा। अपने चहेतों को टिकट दिलवाने के लिए शहर के विधायकों ने भारी दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन संगठन के आगे विधायकों का दबाव नहीं चल पाया।

हालांकि संगठन ने विधायकों की ओर से दावेदारों के नामों की लिस्ट ली है, लेकिन कहा जा रहा है कि संगठन ने विधायकों के पर कतर कर रख दिए हैं और संगठन 70 फीसदी से अधिक टिकट अपने हिसाब से देगा, ताकि तेज हो रहे बगावती सुरों को ठंड़ा किया जा सके।

निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आज संगठन की बैठक हुई। बैठक में जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगम के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की गई। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, वी सतीश, चंद्रशेखर और केंद्रीय मंत्री शामिल रहे। इस दौरान दो-दो करके विधायकों और हारे हुए विधायक प्रत्याशियों को भी बुलाया गया और उनसे उनके क्षेत्र के दावेदारों के नाम लिए गए।

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव में संगठन का मानस है कि अधिक से अधिक संख्या में भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाए। विधायक दबाव बनाने की कोशिश में थे कि पहले की तरह टिकट वितरण में उनकी ज्यादा से ज्यादा चले और वह अपने चहेतों को टिकट दिलाने में कामयाब हो जाएं, लेकिन संगठन पर विधायकों का दबाव चला नहीं। इससे पूर्व विधायकों की राय पर ही अधिकांश टिकट दिए जाते रहे हैं।

संगठन को पता है कि कार्यकर्ताओं में जयपुर के विधायकों, पूर्व विधायकों और हारे हुए प्रत्याशियों के खिलाफ भारी असंतोष है। ऐसे में यदि विधायकों की अनुशंषा पर टिकट वितरण होता है तो भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ेगा, जो उसके लिए काफी नुकसानदेह होगा।

संगठन अब विधानसभा चुनावों के पूर्व निगम में भाजपा का बोर्ड गिरने, कुछ पार्षदों द्वारा विधायकों से नाराजगी के चलते क्रॉस वोटिंग करने, कुछ पार्षदों के भाजपा छोड़ कर कांग्रेस का दामन थामने और विधानसभा चुनावों में जयपुर का गढ़ ढहने जैसे बिंदुओं को ध्यान में रखकर टिकट वितरण करना चाह रहा है, ताकि शहर में फिर से भाजपा को मजबूत किया जा सके, लेकिन विगत डेढ़-दो दशकों में बड़े पदों पर रहने वाले जयपुर के नेताओं, विधायकों को इसमें रोड़ा माना जा रहा था, इसलिए संगठन ने इनके पर कतरने में ही भलाई समझी है। टिकट वितरण में इसी तरह की सावधानियां जोधपुर और कोटा के लिए भी बरती जा रही है।

यही कारण है कि भाजपा के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने में देरी हो रही है। रविवार को भाजपा अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है। लगभग सभी दावेदारों ने अपने नामांकन की तैयारियां पूरी करके रखी है। सूची में नाम आते ही वह सिंबल लेकर सोमवार को नामांकन दाखिल कर देंगे। सोमवार को दोपहर 3 तीन बजे तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं।

विधायक दिखा सकते हैं बगावती तेवर

सूत्रों का कहना है कि शहर के भाजपा विधायकों का धरातल इन दिनेां कार्यकर्ताओं ने हिला रखा है। ऐसे में संगठन की ओर से निराशा मिलने के बाद कुछ विधायक बगावती तेवर अपना सकते हैं। कहा जा रहा है कि इन विधायकों ने अपने चहेतों को संगठन की बैठक के बाद इशारा कर दिया है कि वह निर्दलीय नामांकन दाखिल करने की तैयारी करें। विधायक अब संगठन को अपना रुतबा दिखाने की कोशिश में लगे हैं, ताकि शहर पर उनका दबदबा कायम रह सके।

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