जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अन्य महापुरुषों ने जो त्याग एवं बलिदान दिया उसकी जानकारी युवा पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए। आज ही के दिन दांडी मार्च की शुरूआत कर बापू ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ बिगुल बजाया और ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी। आजादी का यह सुनहरा अध्याय है और हमारी सरकार पूरा प्रयास करेगी कि नौजवान पीढ़ी देश के इस गौरवमय इतिहास को कभी न भूले।
गहलोत शुक्रवार को दांडी मार्च की 91वीं वर्षगांठ पर बजाज नगर स्थित खादी संस्थान संघ परिसर से प्रतीकात्मक दांडी मार्च को रवाना करने के बाद गांधी सर्किल पर आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों, विधायकों, गांधीवादी विचारकों, अन्य जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं आमजन के साथ बजाज नगर से पैदल चलकर गांधी सर्किल पहुंचे। इस दौरान गांधीजी के प्रिय भजनों के साथ ही उनके जयकारे गूंजते रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के त्याग और समर्पण से मिली आजादी तथा हमारे महान नेताओं के कुशल नेतृत्व में देश ने विकास की जो ऊंचाइयां हासिल की हैं, युवा पीढ़ी इस योगदान को समझे और उनसे प्रेरणा ले। आजादी के बाद देश में संविधान की भावना के अनुरूप लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई। देश में लोकतंत्र और सशक्त हो, इसके लिए नई पीढ़ी को आगे आना होगा।
गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी, सरदार पटेल, पं. नेहरू, मौलाना आजाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर हमें सदैव अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। प्रजातंत्र में असहमति का भी स्थान है। उन्होंने कहा कि छुआछूत मानवता पर कलंक है। हमारी सरकार छुआछूत के खिलाफ निरंतर अभियान चलाकर इस बुराई को दूर करेगी। आजादी की जंग में राजस्थान का भी शानदार इतिहास रहा है। माणिक्यलाल वर्मा, हीरालाल शास्त्री, रामनारायण चौधरी, अभिन्न हरि, राजनारायण, बारहठ बंधु सहित बड़ी संख्या में ऐसे नाम हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अमिट योगदान दिया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने दांडी यात्रा से संबंधित नाटक का मंचन भी किया।