जयपुर

जयपुर के इंदिरा बाजार में प्राचीन मंदिर धराशायी

मंदिर के धराशायी होने के पीछे कारण दुर्घटना या साजिश, भारी विरोध के बाद मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू

जयपुर। राजधानी के इंदिरा बाजार में सोमवार सुबह एक प्राचीन शिव मंदिर धराशायी हालत में मिला। इसके बाद पूरे शहर में तनाव की स्थिति बन गई और हिंदुवादी संगठनों के भारी विरोध के बाद यहां पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया। विभिन्न संगठनों ने इस प्रकरण की जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग पर धरना दे दिया। शाम तक पुलिस और प्रशासन ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण का काम शुरू करा दिया, जिसके बाद इलाके में तनाव कम हुआ।

जानकारी के अनुसार इंदिरा बाजार में यह मंदिर सड़क पर एक चबूतरे पर प्राचीन समय से ही स्थापित था। इसके पास ही बने एक अन्य मंदिर के पुजारी सुबह पांच बजे जब मंदिर आए तो उन्हें यह मंदिर धराशायी मिला, जिसका चबूतरा तो सही सलामत था, लेकिन मंदिर के ऊपर की छतरी पूरी तरह से टूट चुकी थी। पुजारी ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने कुछ तहकीकात कर बाजार में केबल डाल रही एक कंपनी के पिकअप चालक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला की बैक लेते समय पिकअप इस मंदिर से टकरा गई थी, जिससे मंदिर धराशायी हो गया था। चालक ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि मंदिर के धराशायी होने के पीछे कोई साजिश नजर आ रही है। मंदिर के पीछे तीन दुकानों की खाली जमीन को लेकर साजिशन मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया लगता है। इस जमीन को लेकर कई दशकों से मामला न्यायालय में लंबित पड़ा है और इस मामले से जुड़े किसी एक पक्ष द्वारा मंदिर को धराशायी किए जाने के अंदेशे धरने में लगाए जा रहे थे। धरने में बैठे लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर रहे थे। उनका आरोप था कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पिकअप की टक्कर से मंदिर टूटने की बात कर रही है, लेकिन यह फुटेज किसी को दिखाई नहीं जा रही है। यदि मंदिर पिकअप की टक्कर से ही टूटा है, तो फिर फुटेज दिखाने में क्या परेशानी हो सकती है। यदि फुटेज दिखा दी जाती तो इस मामले में सारा विवाद ही खत्म हो जाता।

पुनर्निर्माण का काम शुरू

विधायक ने दिया पुनर्निर्माण का आश्वासन
इस दौरान दोपहर में स्थानीय विधायक अमीन कागजी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस को इस मामले की निष्पक्ष जांच करने और प्रशासन को मंदिर के पुनर्निर्माण के निर्देश दिए। इसके बाद प्रशासन मंदिर के पुनर्निर्माण में जुट गया।

ज्यादा बढ़ गया विरोध
मंदिर टूटने की सूचना पर पूरे शहर से लोग और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचने लगे। ऐसे में पुलिस ने धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक एडवोकेट भारत शर्मा को हिरासत में ले लिया और कोतवाली थाने ले गई। इस पर धरना दे रहे लोग और कई एडवोकेट कोतवाली थाने पहुंच गए और शर्मा को छोडऩे की मांग पर वहीं धरना देने की चेतावनी देने लगे। इस पर पुलिस ने दोपहर में ही भारत शर्मा को छोड़ दिया। भारत शर्मा के साथ-साथ विष्णु जायसवाल, गुंजन वशिष्ठ, भवानी शंकर शर्मा, पूर्व महापौर मनीष पारीक सहित कई भाजपा और कांग्रेस के पार्षद भी धरने में शामिल हुए।

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