जयपुर

पुलिस आधुनि​किरण की नई गाइडलाइन पर राजस्थान ने खड़े किए सवाल, गृहराज्यमंत्री ने कहा पुलिस आधुनिकिरण के लिए मिलने वाली राशि से संबंधित नई गाइडलाइंस में संशोधन किया जाए

बॉर्डर एरिया में मादक पदार्थों की तस्करी में गिरफ्तार तस्करों को राज्य पुलिस को सुपुर्द किया जाना चाहिए

जयपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित दो दिवसीय राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर के दूसरे दिन शुक्रवार को राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण के लिए मिलने वाली राशि को नई गाईडलाईन के अनुसार वाहनों की मोबिलिटी तथा पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर के कंसट्रक्शन में उपयोग नही लिया जा सकता है, इसलिए इसमें संशोधन किया जाये ताकि मिलने वाली राशि से पुलिस आधुनिकीकरण को और मजबूत किया जा सके।

उन्होंने बताया कि राजस्थान सीमा सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, क्योंकि राजस्थान का एक बड़ा भू—भाग (1170 किलोमीटर) पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। साथ ही इस पूरे क्षेत्र में दूर-दूर तक थार का रेगिस्तान फैला हुआ है, जहां छितरी हुई आबादी है और भौतिक सुविधाओं की पहुंच काफी दुर्गम है।

यादव ने राजस्थान के बॉर्डर एरिया में बढ़ रहे तस्करी के मामलों के मद्देनजर तुरंत कार्रवाई को अंजाम देने में आ रही समस्याओं के निराकरण पर केंद्रीय मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि बार्डर एरिया में मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार कर एनसीबी को सौंपा जाता हैं, उन्होंने मांग रखी कि गिरफ्तार तस्करों को तुरंत राज्य पुलिस को सौंपा जाना चाहिए ताकि क्षेत्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर तुरंत कार्रवाई की जा सके इसके लिए उच्च स्तर से निर्देशित किया जाना चाहिए।

यादव ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य विषय है कि सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंधन की आवश्यकता हमेशा रही है। कई बार देखने में आता है कि इन जिलों में पाकिस्तान के क्षेत्र से ड्रोन आदि भारतीय सीमा में आ जाते हैं या कई बार गोलीबारी की घटनाएं भी हो जाती हैं। अवैध रूप से लोग सीमा पार कर आ जाते हैं। तस्करी, जासूसी एवं अवैध गतिविधियों की इंटेलीजेंस के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं।

चूंकि सीमा सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय गृह एवं रक्षा मंत्रालय के अधीन है, ऐसे में आवश्यकता है कि यहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएं। इसमें आधुनिकतम तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय बलों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। सीमावर्ती जिलों में केंद्रीय सहायता बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक विकास की राह सुगम हो और सुरक्षा को भी मजबूती मिले।

राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा और विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए यादव ने बताया कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, कृषि, उद्योग, खनन, पर्यटन सहित सभी क्षेत्रों में विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। इससे इन क्षेत्रों में आबादी और खुशहाली दोनों बढ़ी है। राजस्थान रिफाइनरी का काम शुरू होने के बाद से बाड़मेर क्षेत्र का तेजी से कायापलट हुआ है। रिफाइनरी के पूरा होने और इसके साथ-साथ पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स बनने से यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। साथ ही जैसलमेर में तेल एवं गैस निकलने, सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होने से इस क्षेत्र में भी विकास को गति मिली है। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। इसी प्रकार श्रीगंगानगर में कृषि क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है।

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे देश की पुलिस ने कठिन परिस्थितियों एवं सीमित संसाधनों के साथ प्रशंसनीय कार्य किया है। परन्तु भविष्य और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है, जिसके लिए हमें आज की तुलना में कई गुना सशक्त और आधुनिक पुलिस व्यवस्था की आवश्यकता है।

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