जयपुर

राष्ट्रपति ने सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के लोगों से किया संवाद

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने व महिला आत्मनिर्भरता के लिए कार्य करने का किया आह्वान

जयपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुुर्मु ने मंगलवार को राजभवन में सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान उनसे संवाद करते हुए उनकी रोजमर्रा की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जनजातीय समुदाय के लोगों द्वारा कम उम्र में बच्चों को विवाह नहीं करने तथा बालिकाओं की शिक्षा पर अधिक ध्यान देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी आह्वान किया। संवाद के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति मुर्मु ने सहरिया एवं कथौड़ी जनजाति समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को अधिकाधिक पढ़ाने और स्वावलम्बन से जोड़े जाने का आह्वान किया। उन्होेंने कहा कि बेटियों को अधिक से अधिक पढ़ाने की जरूरत है। इसी से उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। आदिवासी समुदाय का जल-जंगल और जमीन को बचाने में महती योगदान है। उन्होंने आदिवासी समुदाय को मेहनत-मजदूरी करते हुए युवा पीढ़ी को श्रम से लगाव कर जीवन को संवारने के लिए प्रेरित करने का भी आह्वान किया।

स्वयं उनके पास जाकर बातचीत की
राष्ट्रपति मुर्मु ने सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के चुने हुए प्रतिनिधियों से संवाद की बजाय स्वयं अपने स्तर पर ऐसे बैठे लोगों के पास जाकर उनके हाल जाने। उन्होंने समुदाय के प्रतिनिधियों की रोजमर्रा की दिनचर्या के बारे में भी बातचीत की तथा उन्हें पेयजल, बिजली और अन्य उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछा। उन्होंने इस दौरान सरकारी योजनाओं के साथ-साथ स्वयं मेहनत-मजदूरी करने की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पारम्परिक हुनर और हस्त कौशल से जुड़े कार्यों के जरिए आजीविका वृद्धि के अधिकाधिक प्रयास किए जाने पर भी जोर दिया।

मुर्मु ने संवाद के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना आदि के साथ ही राज्य सरकार स्तर पर जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए क्रियान्वित योजनाओं के बारे में भी सहरिया और कथौड़ी आदिवासी समुदाय की महिलाओं और पुरूषों से बातचीत कर जानकारी ली। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रो में मधुमक्खी पालन के लिए किए जाने वाले कार्यों और इससे होने वाली आय के बारे में भी पूछा।

बाद में उन्होंने वहां उपस्थित प्रदेश की मुख्य सचिव उषा शर्मा और अन्य अधिकारियों को आदिवासी क्षेत्रों में जन कल्याण से जुड़ी योजनाओं का व्यवहार में क्रियान्वयन किए जाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने मधुमक्खी पालन तथा अन्य ऐसे कार्यों को प्रोत्साहन देने के साथ ही आदिवासी समुदाय द्वारा जंगल से जुड़े उत्पादों के विपणन की प्रभावी व्यवस्था किए जाने के लिए भी कार्य करने की आवश्यकता जताई।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने संवाद के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों में राजभवन की पहल पर किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताते हुए युवाओं को कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों से लाभान्वित किए जाने के बारे में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रपति मुर्मु के दिए निर्देशों के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को व्यावहारिक स्तर पर लाभान्वित किए जाने के निर्देश दिए।

Related posts

राजस्थान में 12 से 14 साल के बच्चों को बुधवार से लगेगी कोविड वैक्सीन

admin

दीनदयाल पार्क (Deendayal park) में 50 लाख की लागत से बनेगा राज्य स्तरीय बैडमिंटन कोर्ट (state level badminton court)

admin

राजस्थान सरकार कर रही है ‘इन्वेस्ट राजस्थान क्विज’ का आयोजन

admin