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राज-सिलिकोसिस पोर्टल मे AI आधारित चेस्ट x-ray ऐप्लीकेशन का शुभारंभ, तकनीक के आधार पर Radiologists को सिलिकोसिस पीड़ित की पहचान मे मिलेगी मदद

सिलिकोसिस पहचान एवं सिलिकोसिस प्रमाणीकरण प्रक्रिया को अधिक सुगम, सरल एवं तकनीकी आधारित बना दिया गया है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Al Tools / Application विकसित किया गया है। राजस्थान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने बताया कि राज सिलिकोसिस पोर्टल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित Application विकसित की गई है, जिसे नवीन सिलिकोसिस पोर्टल पर सिलिकोसिस प्रमाणीकरण प्रक्रिया में रेडियोलॉजिस्ट स्तर/ M.O. (Medical Officer) स्तर तथा जिला न्यूमोकोनियोसिस बोर्ड के स्तर पर उपयोग करने हेतु क्रियाशील (Live) कर दिया गया है जिसका उद्घाटन अभी हाल ही में टीकाराम जूली सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री द्वारा किया गया |
AI आधारित ऐप्लीकैशन के फायदे—
उन्होंने AI आधारित एप्लीकेशन के फायदे बताते हुए कहा कि एआई-सक्षम सिलिकोसिस स्क्रीनिंग सिस्टम समाज के सबसे कमजोर वर्गों को चिकित्सकीय सेवा और आर्थिक सहयोग प्रदान करने में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर सरकार के प्रगतिशील रुख का एक प्रमाण है।
1. यह ऐप्लीकैशन चेस्ट x-ray को deep learning के आधार पर तय किए गए मानकों पर जांच करता है इससे फील्ड मे कार्यरत radiologists को चेस्ट x-ray के माध्यम से सिलिकोसिस पीड़ित को पहचानने मे सहायता मिलेगी तथा यह मानवीय त्रुटियों को कम करने मे सहायक होगा |
2. इस तकनीक के माध्यम से Radiologists के कार्य भार मे कमी होगी तथा प्राप्त आवेदनों मे से जो लोग सिलिकोसिस से पीड़ित नही हैं, उनकी छटनी करने मे आसानी होगी |
3. त्वरित स्क्रीनिंग से शीघ्र चिकित्सा सहायता मिल सकेगी और स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों पर बोझ कम हो सकेगा|
4. बीमारी का शीघ्र पता लगने से समय पर हस्तक्षेप और उपचार की अनुमति मिल सकेगी, जिससे संभावित रूप से रोग की प्रगति को रोका जा सकेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
• इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
AI आधारित ऐप्लीकेशन किस प्रकार कार्य करेगा?
AI Application एक Screening Tool है, जो तकनीक का उपयोग कर चेस्ट एक्स-रे की Findings का विश्लेषण कर सुझाव (Suggestion) देगा कि जिस व्यक्ति का चेस्ट एक्स-रे है, उसे सिलिकोसिस की संभावना है (Silicosis Likely) अथवा नहीं (Silicosis Unlikely) तथा इस प्रकार यह AI Based Application रेडियोलॉजिस्ट के लिए सिलिकोसिस प्रमाणीकरण में निर्णय लेने में सहायता करेगा। (will assist a Radiologist in diagnosing silicosis)|
इस पहल का मूल एक उन्नत deep learning मॉडल है, जिसमे व्यापक डेटासेट का उपयोग करके हर चरण में सावधानीपूर्वक विकसित और कठोरता से परीक्षण किया गया है इस हेतु राज्य भर से प्राप्त 40 हजार चेस्ट एक्स-रे छवियों का उपयोग किया गया हैं। इस प्रयास को वाधवानी इंस्टीट्यूट फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीकी विशेषज्ञता द्वारा समर्थित किया गया है।
रेडियोलॉजिस्ट एवं सिलिकोसिस प्रमाण पत्र जारीकर्ता अधिकारी अपने चिकित्सकीय विवेक (Clinical Judgment) अनुसार प्रमाणीकरण के लिए पूर्व के समान निर्णय कर सकेंगे।
राजस्थान न्यूमोकोनोसिस पॉलिसी -2019
राज्य सरकार द्वारा न्यूमोकोनोसिस पॉलिसी राजस्थान-2019 लागू की गई थी । बीओसीडब्ल्यू सहित खनन श्रमिकों के कल्याण के लिए सिलिकोसिस नीति लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य हैं। इस नीति में सिलिकोसिस ग्रस्त रोगियों को 3 लाख की सहायता राशि के अलावा 1.5 हजार रुपए प्रतिमाह की पेंशन सहित अन्य परिलाभों का प्रावधान है। उक्त हेतु निदेशालय विशेष योग्यजन द्वारा राज सिलिकोसिस पोर्टल के माध्यम से सिलिकोसिस प्रमाणीकरण एवं भुगतान का कार्य किया जाता है। इस प्रक्रिया मे लाभार्थी द्वारा आवेदन पश्चात Radiologist द्वारा चेस्ट X-Ray के विश्लेषण व जांच पश्चात सिलिकोसिस से पीड़ित होने के बारे मे प्रमाणीकरण किया जाता है।

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