लखनऊश्रद्धांजलि

सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय ‘ सहारा श्री’ का मुंबई में निधन, गुरुवार को लखनऊ में किया जाएगा अंतिम संस्कार

सुप्रसिद्ध उद्यमी और सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय सहारा का मुंबई में मंगलवार, 14 नवंबर 2023 को देर रात निधन हो गया। वे कई दिनों से बीमार चल रहे और उनका उपचार मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। सहारा समूह से जुड़े सूत्रों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार सुब्रत रॉय सहारा का पार्थिव शरीर अब लखनऊ के सहारा शहर लाया गया और वहीं उनका अंतिम संस्कार गुरुवार, 16 नवंबर को किया जाएगा।
सहारा इंड‍िया की तरफ से बताया गया क‍ि सहाराश्री एक प्रेरणादायक नेता और दूरदर्शी शख्‍स‍ियत थे। मेटास्टैटिक स्‍ट्रोक, हाई ब्‍लड प्रेशर और डायब‍िटीज से पैदा हुई समस्‍याओं के साथ एक लंबी लड़ाई के बाद कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 को रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया। बताया गया क‍ि सहाराश्री को स्वास्थ्य में गिरावट के बाद 12 नवंबर को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (केडीएएच) में भर्ती कराया गया था।
सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ। रॉय के पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि रॉय था। कोलकाता में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उल्लेखनीय है कि सुब्रत रॉय सहारा ने अपना पहला कारोबार गोरखपुर से ही शुरू किया। यहां से उन्होंने अपना कारोबार देश भर में फैलाया। सहारा समूह के कर्मचारी ही नही वे अन्य लोग जिन्होंने सहारा के कारोबार में धन का निवेश किया, स्नेह के साथ सुब्रत रॉ को सहारा श्री कर बुलाया करते थे।
सुब्रत को जानने वाले बताते हैं कि वह शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर थे। उनका मन पढ़ने से ज्यादा अन्य बातों में विशेषतौर पर समाज सेवा और कारोबार में लगता था। एक छोटे से शहर से बिजनेस शुरू करने वाले इस शख्स ने 36 सालों में दुनिया भर में अपना कारोबार फैला लिया। वर्ष 1978 में सहारा कंपनी की शुरुआत के समय सुब्रत रॉय की जेब में केवल 2000 रुपये ही थे। कई बार स्वयं सुब्रत ही बताया करते थे कि 70 के दशक से वे गोरखपुर में एक स्कूटर से चलते थे। तब दिन में 100 रुपए कमाने वाले लोग उनके पास 20 रुपए जमा करते थे। सुब्रत रॉय ने स्वप्ना रॉय से प्रेम विवाह किया है। सुब्रत रॉय के साथ उनके स्कूल, कॉलेज में साथ पढ़े करीब 100 दोस्त भी उनके साथ ही काम करते रहे हैं।
यह भी बता दें कि पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ लोगों के पैसों का कई सालों से भुगतान नहीं करने का एक मामला चल रहा है। लोगों ने ये पैसे कंपनी की कई स्कीमों में लगाए थे लेकिन बाद में सहाराश्री को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई थी। बीते वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने पटना हाईकोर्ट के सुब्रत के गिरफ्तारी के आदेश पर तत्काल सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी। इसके साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय ने ही उनके खिलाफ आगे किसी तरह की कार्रवाई को लेकर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था। रॉय के विरुद्ध इसी तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से भी चल रहा है। इस मामले में वे जमानत पर बाहर थे। वहीं, निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर सहारा इंडिया का दावा है कि वह सारी रकम सेबी के पास जमा करा चुके हैं।

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