जयपुर

ऑनलाईन शपथ लो और डब्ल्युएचओ का सुपर हीरो का प्रमाण-पत्र प्राप्त करो

वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक 18 से 24 नवम्बर तक

रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति जागरूकता हेतु प्रदेशभर में चलेगा अभियान

जयपुर। वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक (18 से 24 नवम्बर) के तहत रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए प्रदेशभर में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग डॉ. पृथ्वी ने बताया कि 18 नवम्बर को दोपहर 1 बजे एसएमएस मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसी कड़ी में 22 नवम्बर को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एकेडमिक ब्लॉक में कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें एसएमएस अस्पताल एवं निदेशालय के चिकित्सक, सभी जिलों के प्रमुख चिकित्साधिकारी (पीएमओ) तथा प्रत्येक जिले से एक-एक फिजिशियन भाग लेंगे। इसके साथ ही जिला स्तर पर क्विज और शपथ कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे ताकि लोग एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस के प्रति जागरूक हो।

क्या है एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस
एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस या रोगाणुरोधी प्रतिरोध एक ऎसी स्थिति है जिसमें रोग पैदा करने वाले रोगाणु जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंजाई तथा पैरासाइट दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं। आम बोलचाल की भाषा में किसी सूक्ष्मजीव (वायरस, बैक्टीरिया आदि) के संक्रमण के ईलाज के लिए प्रयुक्त होने वाली दवा के प्रति उस सूक्ष्मजीव दवारा प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेना ही एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस है। इसके परिणामस्वरूप मानक उपचार अप्रभावी या कम असरदार रहते हैं तथा इससे बीमारी के फैलने तथा मृत्यु की संभावना रहती है। दवाओं के कम प्रभावी रहने से यह संक्रमण शरीर बना रह जाता है तथा दूसरों में फैलने का खतरा बरकरार रहता है। इससे इलाज की लागत बढ़ती है तथा मृत्युदर में इजाफा होने की संभावना बनी रहती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए शीर्ष 10 खतरों में से एक के रूप में पहचाना है। ग्लोबल एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस सर्विलांस सिस्टम के डाटा के अनुसार महत्वपूर्ण एंटीमाइक्रोबियल के प्रति प्रतिरोध क्षमता में वैश्विक स्तर पर इजाफा हो रहा है।

आमजन में रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति जागरूकता लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक कैम्पेन के रूप में 18 से 24 नवम्बर तक वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस अवेयरनेस वीक का आयोजन किया जाता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वर्ष की थीम ‘प्रिवेंटिव एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस टूगेदर’ रखी गई है।

रोगाणुरोधी प्रतिरोध से बचने के उपाय
बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक (एंटीमाइक्रोबियल) का इस्तेमाल नहीं करें। चिकित्सक ने दवा जितने दिन के लिए और जितनी मात्रा में लिखी है उसका कोर्स पूरा करे। यदि आप कुछ दवा का प्रयोग करने के बाद बेहतर महसूस कर रहे है तो भी कोर्स पूरा करें क्योंकि दवा लेने से प्रारम्भिक स्तर पर हमारे शरीर में आराम तो आ जाता है लेकिन संक्रमण पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव पूरी तरह खत्म नहीं होते हैं। कोर्स बीच में छोड़ने से यह सूक्ष्मजीव धीरे-धीरे उस दवा के प्रति प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेते हैं और अगली बार जब हम बीमार होते हैं तो वह दवा पूरी तरह असरदार नहीं होती है।

इसके अतिरिक्त बची हुयी दवाइयों को साझा नहीं करे और स्वयं भी बिना डॉक्टर की सलाह के उनका सेवन नहीं करें। किसी भी प्रकार केे संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए तथा संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए।

एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस फ्री राजस्थान के लिए राजस्थान सरकार द्वारा ऎतिहासिक कदम उठाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मबजूत करने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इस सप्ताह के दौरान सोशल मीडिया पर भी विशेष जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।

ऑनलाईन शपथ लेकर सुपर हीरो का प्रमाण-पत्र प्राप्त करें
कोई भी नागरिक www.emro.who.int/waaw2018/become-a-hero.html लिंक पर क्लिक करके डब्ल्यूएचओ का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए इस लिंक पर क्लिक करना होगा, इसके साथ ही 4 मैसेज खुलेंगे उन्हें सैलेक्ट करके आगे बढ़ने पर फोटो अपलोड करने का ऑप्शन आयेगा। इसके बाद एन्टर कर क्लिक करने पर आपको ऑनलाईन सुपर हीरो का सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।

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