इसरोबेंगलुरू

भारत के आदित्य एल-1 ने पहली बार भेजी सूरज की फुल डिस्क इमेज, 11 अलग-अलग रंगों में दिखा

भारत के पहले सोलर मिशन की कामयाबी दिखने लगी है। आदित्य एल-1 ने सूरज की पहली फोटो भेजी है। सैटेलाइट के सोल अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप ने सूरज की तस्वीरें कैद की हैं। भारत की स्पेस एजेंसी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को यह जानकारी दी। ये सभी तस्वीरें 200 से 400 नैनोमीटर वेवलेंथ की है। तस्वीरों में सूरज 11 अलग-अलग रंगों में दिखाई दे रहा है।
200 से 400 नैनोमीटर तक की वेवलेंथ
इसरो ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट में बताया, पेलोड ने अल्ट्रवॉयलेट वेवलेंथ्स (तरंग दैर्ध्य) के पास सूर्य की फुल डिस्क इमेज कैप्चर की हैं। तस्वीरों में 200 से 400 नैनोमीटर तक की वेवलेंथ में सूर्य की पहली फुल-डिस्क रिप्रजेंटेशन शामिल है। ये तस्वीरें सूर्य के फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर के बारे में इंट्रिकेट डिटेल देती है।’
पेलोड को 20 नवंबर को किया गया था लॉन्च
इसरो ने बताया कि आदित्य एल-1 के सोल अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप को 20 नवंबर, 2023 को ऑन किया गया था। इस टेलिस्कोप ने सूरज के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरे क्लिक की हैं। फोटोस्फेयर से मतलब सूरज की सतह है। जबकि क्रोमोस्फेयर से मतलब सूरज की सतह और इसके बाहरी वायुमंडल कोरोना के बीच मौजूद पतली परत से है।
6 दिसंबर को सूरज की तस्वीर ली
सोल अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप ने इससे पहले 6 दिसंबर को सूरज की तस्वीर ली थी। ये इमेज पहली लाइट साइंस इमेज थी। इस बार सूरज की फुल डिस्क इमेज ली गई है। यानी सूरज का जो हिस्सा पूरी तरह से सामने है, उसे कैप्चर किया गया है। इन तस्वीरों में सूरज पर मौजूद धब्बे, प्लेग और इसके शांत पड़े हिस्से देखे जा सकते हैं।
2 दिसंबर को हुई थी आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग
इसरो ने सौर वायुमंडल की स्टडी के लिए 2 सितंबर को देश के पहले सोलर मिशन आदित्य एल-1 को लॉन्च किया था। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट व्हीकल के जरिए इसे लॉन्च किया गया।
क्या है मिशन का मकसद
इस सोलर मिशन का उद्देश्य पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर लांग्रेज पॉइंट 1 (एल-1) की प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होना है। लांग्रेज पॉइंट अंतरिक्ष में ऐसे स्थान होते हैं, जहां किसी चीज को रखने पर उन्हें वहां लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है। वैज्ञानिक जोसेफ लुई लाग्रेंज के नाम पर इस पॉइंट का नाम रखा गया है। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के सिस्टम में ऐसे पांच पॉइंट हैं। एल-1 ऐसा पॉइंट है, जहां 24 घंटे सूरज पर नजर बनाए रखी जा सकती है।

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