दिल्लीराजनीति

रायबरेली और अमेठी की कमान खुद प्रियंका संभालेंगी, गहलोत और बघेल एक-एक सीट के ऑब्जर्वर..!

अमेठी और रायबेरली दोनों ही सीट पर 20 मई 2024 को पांचवें चरण में मतदान होने हैं। इस सीट पर कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद राहुल गांधी को रायबरेली और गांधी परिवार के नजदीक समझे जाने वाले किशोरी लाल शर्मा को अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया है। दोनों ही सीटों पर प्रियंका गांधी की टीम भी काम कर रही है। इस बीच कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी लोकसभा सीट पर व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रायबरेली सीट की जिम्मेदारी देते हुए पर्यवेक्षक तैनात किया है। हालांकि मुख्यरूप से प्रचार की कमान प्रियंका गांदी वाड्रा के हाथ में ही रहेगी।
ध्यान दिला दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पारंपरिक तौर पर गांधी परिवार सीट कही जाने वाली अमेठी सीट पर राहुल गांधी की हार हुई थी। उन्हें भारतीय जनता पार्टी की तेज-तर्रार नेता स्मृति ईरानी ने शिकस्त दी थी। कांग्रेस के लिए अमेठी के साथ रायबरेली सीट भी प्रतिष्ठा की सीट है। अब कांग्रेस पार्टी ने इन सीटों पर जीत के लिए खास प्लानिंग शुरू कर दी है।
पार्टी ने विशेष सतर्कता बरतते हुए अमेठी से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और रायबरेली से छत्तीसगढ़ के पूर्ण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पार्टी की तरफ से पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा चुनाव के बीच तत्काल प्रभाव से इन दोनों नियुक्ति को हरी झंडी दी है।
पार्टी की खास योजना के तहत प्रियंका गांधी वाड्रा इस बार अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के प्रचार की कमान खुद संभाल रही हैं। वे 18 मई तक र्फ इन्हीं दो सीटों पर फोकस रखेंगी यानी लगभग 12 दिनों तक प्रियंका गांधी इन दो सीटों के अलावा किसी और राज्य में चुनावी प्रचार के लिए नही जाएंगी। जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात प्रियंका गांधी गेस्ट हाउस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी और इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। प्रियंका गांधी पहले भी इन दो सीटों पर अपने भाई और मां के लिए प्रचार की कमान संभालती रही हैं। लेकिन, सक्रिय राजनीति में आने के बाद ऐसा पहली बार होगा जब प्रियंका के कंधों पर इन दो सीटों को पार्टी के लिए जीतने की जिम्मेदारी होगी।
सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी सामाजिक न्याय के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाएंगी। इसके लिए प्रदेशभर से डाटा इकट्ठा किए गए हैं। वह करीब 250 से ज्यादा नुक्कड़ सभा करेंगी। इन सभाओं में स्थानीय मुद्दे भी होंगे और मंच पर मौजूद लोगों को सामाजिक समीकरण की दृष्टि से रखा जाएगा।

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