दिल्लीराजनीति

ये क्या बोल गए राहुल गांधी? पीएम मोदी को ‘पनौती’ बोल गये..! उन पर यह हमला भारी न पड़ जाए..

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पनौती कह दिया है। सोशल मीडिया पर बीजेपी प्रशंसक भड़के हुए हैं। विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। आगे लोकसभा चुनाव करीब है। ऐसे में पनौती वाली टिप्पणी कांग्रेस पर भारी न पड़े? यह सवाल भी हवा में तैरने लगा है। बीजेपी ने राहुल से माफी मांगने को कहा है।
क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में भारतीय टीम हारी तो सोशल मीडिया पर ‘पनौती’ ट्रेंड करने लगा। रातभर लोग हार के गम में रहे। कुछ देर बाद ही भाजपा के आईटी हेड अमित मालवीय ने प्रियंका गांधी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘इंदिरा गांधी को अब लोग पनौती बोलेंगे।’


दरअसल, एक चुनावी रैली में प्रियंका ने मंच से बोला था कि 1983 में इंदिरा जी थीं और जीत पर बहुत खुश थीं। पूरी टीम को अपने घर बुलाया था चाय के लिए। आज राहुल गांधी एक चुनावी रैली में बोल रहे थे तभी मुस्कुराते हुए पनौती की चर्चा छेड़ दी। कांग्रेस पार्टी ने 30 सेकेंड का वीडियो एक्स पर शेयर भी कर दिया।


वायरल वीडियो में राहुल कहते हैं, ‘क्या, पनौती (लोगों की आवाज सुनते हुए) अच्छा भला वहां पे हमारे लड़के वर्ल्ड कप जीत जाते।।। वहां पर पनौती हरवा दिया। टीवी वाले ये नहीं कहेंगे मगर जनता जानती है।’ राहुल गांधी का इशारा स्पष्ट रूप से पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ था। पीएम फाइनल मैच के दौरान अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मौजूद थे। हार के बाद खिलाड़ी मायूस थे लेकिन पीएम ने उनके बीच जाकर हौसला बढ़ाया था। ऐसे में पनौती का ट्रेंड बहुत से लोगों को समझ में नहीं आया।
गुजरात में कांग्रेस कैसे डूबी याद रखो: रविशंकर
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने (राहुल गांधी) अपना असली रंग दिखा दिया है, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि उनकी मां सोनिया गांधी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहे जाने के बाद कांग्रेस गुजरात में कैसे डूब गई थी।
पनौती अटैक दोनों तरफ से
वैसे, अमित मालवीय हों या राहुल गांधी दोनों के पनौती का जिक्र करने से साफ है कि इस शब्द का इस्तेमाल दोनों तरफ से किया गया है। ऐसे में कोई भी दूसरे पर नैतिकता का सवाल सीधे तौर पर खड़ा नहीं कर सकता। हमारी सियासत ही इतनी नीचे जा रही है कि विकास की बातें, दावे और नयापन की जगह टारगेटेड अटैक किए जाते हैं। कोई ‘पप्पू’ कहकर वीडियो का क्लिप काटकर किसी की राजनीतिक छवि को खराब करने की कोशिश करता है तो कोई देश के सबसे लोकप्रिय नेता की मौजूदगी को पनौती बता रहा है। यह सवाल नेता खुद तो अपने आप से पूछेंगे नहीं, जनता जरूर सोच रही होगी कि हम किस दिशा में जा रहे हैं? क्या चुनावी रैली में बोलने को यही सब रह गया है।
पनौती का मतलब
राहुल गांधी ने चुनावी रैली में जिक्र किया तो फिर से सोशल पर पनौती की बातें होने लगीं। पहले जान लीजिए कि पनौती का मतलब क्या होता है। पनौती किसी ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है जिसके होने से ऐसा माना जाता है कि लोगों के लिए बुरी खबर या दुर्भाग्य आता है। कुछ लोग तो शनि की साढ़ेसाती और ढैया की तरह पनौती को मानते हैं। तमाम जगहों पर पनौती का शाब्दिक अर्थ मुसीबत या कठिनाई लिखा गया है।
‘मूर्खों के सरदार’ के जवाब में ‘पनौती’
सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है कि क्या पीएम के ‘मूर्खों के सरदार’ का जवाब राहुल गांधी ने ‘पनौती’ से दिया है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार काफी तीखा हो चला है। हाल में पीएम ने राहुल पर अटैक करते हुए कहा था, ‘कल कांग्रेस के महाज्ञानी कह रहे थे कि भारत में सब लोगों के पास मेड इन चाइना मोबाइल फोन है। अरे मूर्खों के सरदार, किस दुनिया में रहते हो।’ आज राहुल गांधी की रैली में आगे खड़े लोगों ने शायद पनौती-पनौती की आवाज लगाई तो राहुल गांधी ने मंच से पीएम पर निशाना साधा। कई विपक्षी दलों ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा था कि उनके पहुंचने से भारत फाइनल हार गया।
बीजेपी बोली, माफी मांगें राहुल
भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी को ‘पनौती मोदी’ कहने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की। सत्तारूढ़ दल ने उनकी टिप्पणी को ‘शर्मनाक और अपमानजनक’ करार देते हुए उनसे माफी की मांग की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने राजस्थान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पीएम का मतलब पनौती मोदी’ है। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के बारे में गांधी की टिप्पणी शर्मनाक, निंदनीय और अपमानजनक है।
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