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Hmm…तो शशि थरूर के विरोध के कारण बदला गया जयपुर से कांग्रेस प्रत्याशी..!

राजस्थान की जयपुर शहर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने सुनील शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा, जिसके बाद से इस सीट पर लगातार खींचतान देखने को मिल रही थी। आखिरकार, कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलते हुए सुनील की जगह कद्दावर राजपूत नेता प्रतापसिंह खाचरियावास को टिकट थमा दिया।
राजस्थान में कांग्रेस ने प्रदेश की जयपुर शहर से लोकसभा चुनाव के रण में पहले ब्राह्मण चेहरे सुनील शर्मा को उतारा और फिर अगली सूची में नाम को बदलते हुए प्रतापसिंह खाचरियावास का नाम उम्मीदवार के तौर पर जारी किया। अचानक इस बदलाव के पीछे काफी उठापटक और राजनीति हुई बताते हैं।
सूत्रों के अनुसार सुनील शर्मा को टिकट देने को लेकर पार्टी के एक बड़े नेता ने नाराजगी जताई थी। उनके मुताबिक सुनील शर्मा का कथित तौर पर ‘जयपुर डायलॉग्स’ यूट्यूब चैनल से संबंध बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वे इस चैनल के निदेशक हैं। आरोप है कि इस चैनल का कॉन्टेंट माइनॉरिटी और विपक्षी दलों के खिलाफ है।
सोशल मीडिया पर कई ऐसे पुराने पोस्ट्स साझा किए जा रहे हैं, जिसमें जयपुर डायलॉग्स के एक्स हैंडल और यूट्यूब पर विवादस्पद बातें लिखी गई हैं। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी की आलोचना से जुड़े बयान भी साझा किए गए हैं। यही वजह है सुनील शर्मा को कांग्रेस के जयपुर शहर से प्रत्याशी बनाए जाने पर सवाल उठ रहे थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से उम्मीदवार शशि थरूर ने जयपुर डायलॉग्स हैंडल को लेकर सुनील शर्मा पर निशाना साधते हुए उनको टिकट देने पर नाराजगी जताई थी।
कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा ने दी सफाई
जयपुर शहर से कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा ने इसे लेकर सफाई देते हुए कहा कि मेरा ‘जयपुर डायलॉग्स’ यू ट्यूब चैनल के प्रबंधन से कभी भी कोई वास्ता नहीं रहा। मैं सभी न्यूज चैनल्स और यूट्यूब चैनल्स पर अक्सर कांग्रेस दर्शन अनुसार समावेशी भारत निर्माण पर पैनलिस्ट के तौर पर आमंत्रित किया जाता हूं। इसी क्रम में जयपुर डायलॉग यूट्यूब चैनल ने कुछ सामाजिक मुद्दों पर मुझे विभिन्न प्रश्नों पर कांग्रेस के विजन के अनुसार बोलने को बुलाया था और वहां भी मैंने यथा योग्य भारत की उद्दात परंपरा की पैरोकारी और सदैव धार्मिक संकीर्णता का डटकर विरोध किया है।
किसी चैनल से कोई वास्ता नहीं
सुनील शर्मा ने कहा कि जयपुर डायलॉग फोरम (इसका यूट्यूब चैनल के स्वामित्व से कोई लेना-देना नहीं है) की डाइरेक्टरशिप के बारे में कतिपय लोग अपने निहित स्वार्थ के चलते अफवाह उड़ा रहे हैं, जिससे मैं काफी समय पहले अलग हो चुका हूं। जहां तक मेरा और मेरे परिवार का संबंध है तो यह बताना समीचीन होगा कि मेरे पिता आचार्य पुरुषोत्तम उत्तम और मेरे ज्येष्ठ भ्राता स्वर्गीय सुरेश शर्मा ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस की सेवा में लगाया था और मैं भी 1981 से अब तक निरंतर कांग्रेस पार्टी का सदस्य बना हुआ हूं।

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